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Punjab: फीस बढ़ोतरी को लेकर DTF ने की शिक्षा बोर्ड चेयरमैन के साथ मीटिंग, बोले- 'स्‍टूडेंट्स के लिए ठीक नहीं यह रवैया'

Punjab News फीस बढ़ोतरी को लेकर डीटीएफ ने शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन के साथ बैठक की है। स्टूडेंट्स से परीक्षा फीस रजिस्ट्रेशन एवं कंटीन्यूशन फीस तथा स्टूडेंट्स से वसूले जाने वाले जुर्माने एवं लेट फीस में अनुचित वृद्धि की गई है। फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग को लेकर डेमोक्रेटिक फ्रंट (डीटीएफ) के पदाधिकारियों ने बोर्ड के चेयरमैन से बात की।

By Rohit KumarEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 11:07 AM (IST)
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फीस बढ़ोतरी को लेकर DTF ने की शिक्षा बोर्ड चेयरमैन के साथ मीटिंग (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सरकारी स्कूलों की पांचवीं और आठवीं कक्षा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का ऑनलाइन पोर्टल पिछले 20 दिनों से बंद रहने के कारण शिक्षकों और स्टूडेंट्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स से परीक्षा फीस, रजिस्ट्रेशन एवं कंटीन्यूशन फीस तथा स्टूडेंट्स से वसूले जाने वाले जुर्माने एवं लेट फीस में अनुचित वृद्धि की गई है। फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग को लेकर डेमोक्रेटिक फ्रंट (डीटीएफ) के पदाधिकारियों ने बोर्ड के चेयरमैन से बात की।

बैठक रही बेनतीजा

डीटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह के नेतृत्व में शिक्षक, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरपर्सन डा सतवीर बेदी के साथ बैठक की, इस दौरान बोर्ड सचिव अभिषेक गुप्ता भी मौजूद रहे। विक्रम देव सिंह ने बताया कि बैठक बेनतीजा रही। फ्रंट के पदाधिकारियों ने बोर्ड चेयरमैन पर स्टूडेंट्स और शिक्षाविदों के हितों के प्रति असंवेदनशील होने, पंजाबी भाषा से अनभिज्ञ होने और उचित मांगों के प्रति संवेदनहीन और अलोकतांत्रिक रवैया दिखाने का आरोप लगाया है।

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डीटीएफ महासचिव मुकेश कुमार और उपाध्यक्ष रघवीर सिंह भवानीगढ़, राजीव बरनाला, गुरप्यार कोटली और बेअंत सिंह फूलेवाला ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत आठवीं कक्षा तक के सभी छात्रों और 18 वर्ष तक के व्यक्तियों के अधिकार के तहत विकलांगता अधिनियम-2016 विकलांगों को अधिकतम आयु तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होने के बावजूद, शिक्षा बोर्ड ने प्रमाण पत्र के लिए प्रति छात्र 200/250 रुपये का फीस लगाई है। लेकिन इसे हटाने को लेकर बोर्ड गंभीर नहीं है।

प्रेक्टिकल फीस वसूली को पूरी तरह से बंद करने की मांग

शिक्षा बोर्ड से संबंधित कक्षाओं की प्रेक्टिकल परीक्षा शिक्षकों की ओर से स्कूल स्तर पर लेकर प्रेक्टिकल फीस वसूली को पूरी तरह से बंद करने की मांग रखी गई।

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संगठन के नेताओं ने राज्य सरकार को 600 करोड़ से अधिक की पेडिंग पेमेंट न देने के कारण बोर्ड के स्टूडेंट्स और कर्मचारियों-पेंशनधारकों पर फीस और जुर्माने के रूप में पड़ने वाले बोझ को लेकर चेयरपर्सन से शिकायत की। पदाधिकारियों ने कहा कि इन मांगों को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला है। जल्द ही फिर से इन मांगों को लेकर बोर्ड चेयरमैन से बात की जाएगी।

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