प्रापर्टी बाजार में हाउसिग बोर्ड के मकानों की बढ़ेंगी कीमतें
प्रशासन की ओर से वायलेशन के साथ मकान ट्रांसफर के मामले में राहत देने पर प्रापर्टी बाजार को भी फायदा मिला है। अब हाउसिग बोर्ड के 65 हजार फ्लैट्स और मकानों की कीमत में भी इजाफा हुआ है क्योंकि पहले जनरल पावर ऑफ अर्टानरी पर मकान खरीदने के लिए हर कोई तैयार नहीं होता था।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 23 Apr 2022 05:48 PM (IST)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
प्रशासन की ओर से वायलेशन के साथ मकान ट्रांसफर के मामले में राहत देने पर प्रापर्टी बाजार को भी फायदा मिला है। अब हाउसिग बोर्ड के 65 हजार फ्लैट्स और मकानों की कीमत में भी इजाफा हुआ है, क्योंकि पहले जनरल पावर ऑफ अर्टानरी पर मकान खरीदने के लिए हर कोई तैयार नहीं होता था। अगर कोई मकान खरीदता था तो उसके नाम पर मकान तभी ट्रांसफर होता था जब वह वायलेशन हटाए। इस समय हाउसिग बोर्ड के जो मकान हैं, उनमें 80 फीसद से ज्यादा में वायलेशन है। इन वायलेशन को लोग जरूरत के अनुसार बदलाव बताते हैं, जिन्हें रेगुलर करने की मांग लंबे समय से चल रही है। अब हाउसिग बोर्ड के मनोनीत निदेशक इन बदलावों को रेगुलर करने की मांग को तेज करेंगे। प्रापर्टी से जुड़े डीलर्स के अनुसार वायलेशन के साथ मकान ट्रांसफर करने की सुविधा शुरू होने से हाउसिग बोर्ड के मकानों में 10 से 20 फीसद का इजाफा होने की उम्मीद है। इस समय हाउसिग बोर्ड के पास दो हजार ट्रांसफर के आवेदन पेंडिग पड़े हुए हैं। जिन्हें ट्रांसफर करने की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। वायलेशन के साथ मकान ट्रांसफर होने से हाउसिग बोर्ड के मकानों की कीमत में भी इजाफा होगा। इस समय मकान की कीमत अदा करने के बाद भी लोगों के नाम पर मकान ट्रांसफर नहीं होते थे, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। - नवदीप शर्मा, प्रापर्टी डीलर एवं सदस्य व्यापार मंडल। चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के मकानों की ट्रांसफर से वायलेशन को डी लिक करवाया जाना भाजपा द्वारा चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के अलाटियों के साथ किए गए वायदों में से एक है, जिससे पूरा करवा दिया गया है। इन आदेशों से शहर के लगभग 65000 अलॉटियों को लाभ होगा - अरुण सूद, चंडीगढ़ अध्यक्ष, भाजपा। इस समय ट्रांसफर पर पाबंदी लगने के कारण कई लोग अपने मकानों को बेच नहीं पा रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इससे हाउसिग बोर्ड के मकानों की कीमत भी बढ़ेगी। अब आगे जरूरत के अनुसार किए गए बदलाव को रेगुलर करने के मुद्दे पर काम किया जाएगा। मकान ट्रांसफर होने के बाद अब खरीददार अपने नाम से बिजली और पानी का मीटर लगवा पाएगा।
- हितेश पुरी, मनोनीत निदेशक, हाउसिग बोर्ड ईडब्ल्यूएस कालोनियों के मकान अभी भी अलाटियों के नाम पर प्रशासन की ओर से अभी ईडब्ल्यूएस कालोनियों के मकान को ट्रांसफर करने की नीति को लागू नहीं किया है। ऐसे में इन मकानों में रहने वाले लोगों ने जीपीए पर मकान खरीदे हुए हैं। यहां तक कि पानी और बिजली के मीटर भी प्रथम अलाटी के नाम पर लगे हुए हैं। ऐसे में मकानों के खरीददार जरूरत पड़ने पर बैंक से लोन भी नहीं ले सकते हैं। हाउसिग बोर्ड में रहने वाले लोग दिल्ली पैटर्न पर वन टाइम राहत चाहते हैं। साल 1999 में तत्कालिन दिल्ली सरकार ने मकानों में हर तरह के किए हुए निर्माण को रेगुलर किया था। चंडीगढ़ में इसी तरह से लोग मांग कर रहे हैं।
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