Move to Jagran APP

पंजाब में गहराया आर्थिक संकट, महिलाओं की फ्री बस सेवा पर चलेगी कैंची; स्मार्ट कार्ड लाने पर हो रहा विचार

पंजाब में बढ़ते आर्थिक संकट के कारण महिलाओं को मिल रही निशुल्क बस सेवा को ज्यादा समय तक चलाए रखना आप पार्टी की सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस योजना को शुरू किया था तब इस पर लगभग 600 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च आ रहा था जो बढ़कर लगभग 750 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Fri, 05 Jul 2024 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2024 06:00 AM (IST)
पंजाब में महिलाओं की फ्री बस सेवा पर चलेगी कैंची

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में बढ़ते आर्थिक संकट के कारण महिलाओं को मिल रही निशुल्क बस सेवा को ज्यादा देर तक चलाए रखना आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। अब सरकार ने इसके विकल्प पर सोचना शुरू कर दिया है। इसका एक बड़ा कारण साल दर साल बढ़ती सब्सिडी है।

पंजाब सरकार पर काफी बोझ

राज्य में कांग्रेस की सरकार के दौरान जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस योजना को शुरू किया था, तब इस पर लगभग 600 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च आ रहा था, जो बढ़कर लगभग 750 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। महिलाओं के निशुल्क बस सेवा के लिए सरकार को हर महीने पंजाब रोडवेज और पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (पीआरटीसी) को 25-25 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं।

महिलाओं की निशुल्क बस सेवा को होगी सीमित

हालात यह है कि सरकार ने पीआरटीसी को लंबे समय से पूरा पैसा नहीं दिया है और बकाया राशि बढ़कर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। ऐसे में अब इस सब्सिडी को सीमित करने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इस समय जिस योजना पर आम सहमति बनती दिख रही है, वो है स्मार्ट कार्ड योजना, जिसके जरिये सरकार महिलाओं की निशुल्क बस सेवा को सीमित करेगी। यानी अब महिलाओं को हर माह निश्चित दिनों तक ही निशुल्क यात्रा की सुविधा होगी। इसके बाद यात्रा करने पर महिला से पूरे टिकट के पैसे लिए जाएंगे। ऐसी महिलाओं को योजना से बाहर करने पर भी विचार किया जा रहा है जो सरकारी सेवा में हैं।

साफ है कि सरकार केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही यह सुविधा देना चाहती है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिलाओं की निशुल्क बस सेवा को सीमित करने पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री स्तर पर चर्चा होगी। फिलहाल वित्त विभाग को इस बारे में अवगत करा दिया गया है।

पंजाब पर है 3.27 लाख करोड़ का कर्ज

पंजाब पर मार्च 2024 तक 3.27 लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है। सरकार को 22 हजार करोड़ केवल कर्ज पर ब्याज देना पड़ रहा है। 21 हजार करोड़ बिजली सब्सिडी में जा रहा है। ऐसे में सरकार बिजली सब्सिडी के साथ-साथ अन्य सेक्टरों में दी जा रही सब्सिडी को भी सीमित करने पर विचार कर रही है।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भारत सरकार के पूर्व आर्थिक सलाहकार अर¨वद सुब्रामण्यम के साथ भी लंबी बातचीत की थी और उनसे राज्य को आर्थिक संकट से निकालने के बारे में सुझाव मांगे थे।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.