पीयू चंडीगढ़ के सैकड़ों कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, सड़कों पर उतर कर की नारेबाजी
पुसा प्रेसिडेंट हन्नी ठाकुर का आरोप है कि पीयू प्रशासन कर्मचारी हितों की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों को यह कदम उठाना पड़ा है। उधर मामले को लेकर पीयू प्रशासन के अधाकिरयों द्वारा सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन ही मिल पा रहा है।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 01:30 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के चार हजार से अधिक कर्मचारी इन दिनों अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बावजूद पीयू प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। वीरवार को पंजाब यूनिवर्सिटी नाॅन टीचिंग एसोसिएशन (पुसा) ने पीयू कर्मचारियों को छठा पे कमीशन लागू नहीं किए जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की। पीयू प्रशासनिक ब्लाक से लेकर सभी विभागों के नाॅन टीचिंग कर्मचारियों ने कुलपति दफ्तर के सामने करीब एक घंटे तक जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार की ओर से नाॅन टीचिंग कर्मचारियों को छठा पे कमीशन जारी करने के निर्देश जारी हो चुके हैं। पीयू कर्मचारियों पर भी पंजाब सर्विस रूल्स लागू होते हैं। पीयू प्रशासन के पास पंजाब सरकार की ओर से कर्मचारियों को नया वेतनमान देने की चिट्ठी भी जारी हो चुकी है, लेकिन पीयू प्रशासन जानबूझ कर कर्मचारियों को नया वेतनमान जारी नहीं कर रहा है। करीब दो महीने से कर्मचारी अपने हको के लिए लगातार पीयू प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। महीने भर पहले भी पीयू कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ कई दिनों तक नारेबाजी की थी। विरोध में कर्मचारियों मास कैजुअल लीव लेने का भी एलान कर दिया। पीयू प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर एक हफ्ते में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन महीने भर से अधिक का समय बीतने के बाद भी मामले में कोई सकारात्मक रिजल्ट नहीं आया। आखिर में पुसा ने फिर से पीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पुसा प्रेसिडेंट हन्नी ठाकुर का आरोप है कि पीयू प्रशासन कर्मचारी हितों की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों को यह कदम उठाना पड़ा है। उधर मामले को लेकर पीयू प्रशासन के अधाकिरयों द्वारा सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन ही मिल पा रहा है।
सीनेट में उठेगा कर्मचारियों का मुद्दा
पीयू कर्मचारियों को छठा पे कमीशन लागू नहीं किए जाने का मामले आगामी 27 मार्च को होने वाली पीयू सीनेट में भी उठेगा। उधर नाॅन टीचिंग की ओर से कोरोना महामारी या अन्य किसी कारण नाॅन टीचिंग कर्मचारियों की मौत के बाद उनके आश्रितों को नौकरी नहीं दिए जाने को लेकर भी विवाद जारी है। पीयू प्रशासन द्वारा कुछ कर्मचारियों को नौकरी दे दी गई लेकिन अभी भी कई मामले पेंडिंग हैं।
हर महीने 12 से 15 कर्मचारी हो रहे रिटायर
पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक विभागों में इस समय कर्मचारियों की भारी कमी है। 2014 के बाद से पंजाब यूनिवर्सिटी में नाॅन टीचिंग पदों पर कोई भर्ती नहीं हुई है। हर महीने बी, सी और डी ग्रुप 12 से 15 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, लेकिन उनके बदले नए कर्मचारी नहीं आ रहे। हन्नी ठाकुर के अनुसार कर्मचारियों पर काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। पीयू कैंपस में तीन हजार के करीब ही रेगुलर कर्मचारी हैं, जबकि अन्य पदों पर कांट्रेक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है।
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