Move to Jagran APP

Eye Flu: पंजाब में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, Conjunctivitis को लेकर न हों कंफ्यूज; ऐसे करें बचाव

Eye Flu in Punjab पंजाब सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में बीते काफी दिनों से आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में आंखों का इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों में से 50 प्रतिशत के करीब आई फ्लू से संबंधित है। वहीं मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से इलाज में इस्तेमाल होने वाले आई ड्राप्स की मार्केट में किल्लत होने लगी है।

By Mohammad Aqib KhanEdited By: Mohammad Aqib KhanUpdated: Thu, 03 Aug 2023 04:55 PM (IST)
Hero Image
Eye Flu: पंजाब में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, न हों कंफ्यूज; ऐसे करें बचाव : जागरण
चंडीगढ़, ऑनलाइन डेस्क: Eye Flu in Punjab बारिश के साथ ही कई तरह की बीमारियां और संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इन्हीं में से एक है कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), जो आंखों का एक संक्रमण है, इसको आई फ्लू भी कहते हैं। पंजाब सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में बीते काफी दिनों से आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

अगर आपके मन भी आई फ्लू को लेकर सवाल हैं तो ये खबर आपके लिए ही है...

आई फ्यू को 'पिंक आई' भी कहा जाता है, जो इंसान के आंख के सफेद भाग और पलकों की परत को कवर करने वाली कंजंटिक्वा क्लियर परत को प्रभावित करता है। इस परत में सूजन आ जाती है और आंखों का सफेद भाग लाल हो जाता है। यह संक्रामक रोग हैं, जो एक से दूसरे तक पहुंचता है।

क्यों होता है आई फ्लू ?

बरसात के मौसम में ह्यूमिडिटी की वजह से वायरस को जहां फैलने का मौका मिलता है, वहीं नमी की वजह से इन्फेक्शन हमारे शरीर में लंबे समय तक रहता है। ऐसा ही कुछ कंजक्टिवाइटिस के साथ भी है। इस मौसम में ज्यादा पसीना आने की वजह से लोग अपनी आंखों को बार-बार छूते हैं, जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने लगता है।

क्या हैं आई फ्लू के लक्षण ?

आंखों में लाली या पीलापन, खुजली, आंखों से पानी आना, आंखों से पानी निकलना, आंखों में चिपचिपापन, पलकों पर सूजन, तेज रोशनी के प्रति असहिष्णुता आदि इसके लक्षण हैं।

कैसे करें आई फ्लू से बचाव ?

गंदे हाथों से आंखों को न छूना, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना, रुमाल या अन्य कपड़े साझा न करना, दूसरों के सीधे संपर्क में न आएं, धूप या धूल से बचने के लिए चश्मे का उपयोग, आंखों को साफ करने के लिए उबाल कर ठंडे पानी का उपयोग, आसपास साफ-सफाई रखें, भीड़-भाड़ वाली जगहों और स्विमिंग पूल से बचें

आई फ्लू होने पर क्या करें ?

बिना डाक्टरी सलाह से आंखों के लिए किसी भी दवा का प्रयोग न किया जाए। आंखों को साफ करने के लिए आई वाइप्स का इस्तेमाल करें। आंखों को रगड़ें नहीं, कांटेक्ट लेंस का उपयोग न करें, नुस्खे या घरेलू उपचार का उपयोग न करें, घर पर पहले से तैयार आई ड्राप का उपयोग न करें।

आई फ्लू के मरीज बढ़ने से मार्केट में आई दवाइयों की किल्लत

जालंधर: आई फ्लू के मरीजों की संख्या का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आंखों का इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों में से 50 प्रतिशत के करीब आई फ्लू से संबंधित है। वहीं मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से इलाज में इस्तेमाल होने वाले आई ड्राप्स की मार्केट में किल्लत होने लगी है।

सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार ओपीडी में आने वाले मरीजों में 50 प्रतिशत के करीब आई फ्लू के आ रहे है। वहीं रिटेल दवाविक्रेताओं का कहना है कि आई फ्लू के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की किल्लत होने लगी है।

आंखों के माहिर डाक्टर इलाज के लिए जो दवा लिख रहे है वो मार्केट होलसेल मार्केट से नही मिल रही है। माक्सीफ्लोक्सासीन साल्ट के आई ड्राप्स बहुत कम मार्केट में मिल रहे है। वहीं इसके साथ स्टीरायड्स कंबीनेशन वाले आई ड्राप्स की किल्लत है। हालांकि अन्य एंडीबायोटिक्स व स्टीरायड्स कंबीनेशन वाले आई ड्राप्स का स्टाक कम है। इसकी वजह से मरीजों को भी खासा भटकना पड़ रहा है।

आई फ्लू से डरने की जरूरत नहीं, सावधानी जरूरी

अमृतसर में प्रतिदिन 150 से 200 मरीज सामने आ रहे हैं। एडिनो वायरस के कारण लोगों की आंखों में समस्या हो रही है। शहर में फैले आई फ्लू के पीछे इसी वायरस का हाथ माना जा रहा है। हर घर में एक व्यक्ति को आई फ्लू की समस्या होने से पूरे परिवार को समस्या से जूझना पड़ रहा है। कुछ सालों के बाद आए फ्लू से बचने के मकसद से इलाज के साथ ही साथ परहेज यानी समझदारी बरतने से आई फ्लू की परेशानी से बचाव हो सकता है।

गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डा. करमजीत सिंह का कहना है कि वर्तमान समय में चल रही आंखों की समस्या एक वायरल इंफेक्शन है। बरसाती दिनों में आई फ्लू की समस्या हर साल फैलती है, मगर पिछले सालों के मुकाबले वर्तमान समय में अधिक वर्षा और बाढ़ आने की वजह से वायरल इंफेक्शन ने जोर पकड़ा है।

एडिनो वायरस की समस्या महज 4-5 दिनों में हल हो जाती है। यदि ज्यादा समस्या होने पर तो मरीज को एंटीबायोटिक शुरू करवाया जाता है। आई फ्लू की परेशानी से जूझने वालों में सबसे ज्यादा स्कूल, कालेज या यूनिवर्सिटी जाने वाले बच्चों के साथ-साथ वर्किंग पापुलेशन प्रभावित हुई है।

डाक्टर भी आई फ्लू की चपेट में आए

अब तो डाक्टर भी इसकी चपेट में आ गए हैं। अमृतसर में सिविल अस्पताल के तीन डाक्टर आई फ्लू की गिरफ्त में हैं, वहीं ईएनटी अस्पताल के दो डाक्टर इस संक्रमण से ग्रस्त हुए हैं। सभी डाक्टरों ने अवकाश लिया है। इधर, आई फ्लू से लाल हुई आंखों को सामान्य करने के लिए प्रयुक्त होने वाले आईड्राप्स की मांग तेजी से बढ़ी है। मांग के साथ आपूर्ति भी तेज हुई।

बढ़ रहा आई फ्लू, रोजाना आ रहे 40 नए मरीज

पंजाब का सरहदी जिला फाजिल्का भी अब इससे अछूता नहीं है। यहां भी रोजाना 30 से 40 नए आई फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं। इसके पीछे का कारण लोगों को इस बारे में ज्यादा पता ना होना है। इसको लेकर जहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लाइनें लग रही हैं, वहीं प्राइवेट अस्पतालों और डिस्पेंसरियों पर पहुंचकर मरीज लगातार दवा ले रहे हैं। जबकि मेडिकलों पर भी सबसे ज्यादा डिमांड आंखों में डाली जानी वाली दवा की है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।