Farmer Protest: वर्चस्व के लिए अलग-अलग आंदोलन कर रहे किसान, 56 संगठनों का मिला भारत बंद को समर्थन
गुरुवार को दो दिन पहले चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों व विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुई बातचीत जहां बेनतीजा रही वहीं आंदोलन की कमान नए चेहरों ने संभाल ली है। ये वही किसान नेता हैं जो पहले हुए आंदोलन में पिछली सीटों पर बैठते थे। इनमें बलबीर सिंह राजेवाल दर्शन सिंह गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई नेताओं ने इस आंदोलन से दूरी बना ली है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Farmers Protest: दो दिन पहले गुरुवार को चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुई बातचीत जहां बेनतीजा रही, वहीं आंदोलन की कमान नए चेहरों ने संभाल ली है। ये वही किसान नेता हैं, जो पहले हुए आंदोलन में पिछली सीटों पर बैठते थे।
खास बात यह है कि बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी, लक्खोवाल, प्रेम सिंह भंगू, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उगराहां जैसे नेताओं ने इस आंदोलन से दूरी बना ली है।
इनका मिल रहा समर्थन
इसका बड़ा कारण 2022 में विधानसभा के चुनाव भी हैं। विस चुनाव के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) दो हिस्सों संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) में बंट गया था। अब वर्चस्व के लिए अलग-अलग आंदोलन किया जा रहा है।13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने किया है। इसका नेतृत्व करने वाले प्रमुख चेहरों में जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल हैं, जो भारतीय किसान यूनियन (एकता-सिद्धूपुर) के प्रमुख हैं।
ट्रेनें नहीं रूकेंगी लेकिन बसों को रोका जाएगा
हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहर व अमरजीत सिंह मोरही का भी इन्हें समर्थन प्राप्त है। इन नेताओं के अनुसार उनके इस संघर्ष में देशभर के किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) में शामिल बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, उनकी ओर से 16 फरवरी का भारत बंद संगठन को नई दिशा देगा।देश के सभी शहरों के प्रमुख चौक पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम ट्रेनें नहीं रोकेंगे। प्रमुख सड़क मार्ग जरूर बंद किए जाएंगे, पर मरीजों, बारातियों, हवाई अड्डों पर जाने वालों को छूट दी जाएगी।
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