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Farmers Protest: 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे किसान, ट्रैक्टर ट्रॉली के बिना होंगे रवाना; 9 महीने से बैठे हैं धरने पर

किसान अपनी मांगों को लेकर 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। किसान जत्थेबंदियों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ शम्भू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर मोर्चा लगाया हुआ है। अब यह किसान बिना किसी ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर नहीं जाएंगे। किसान जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने के लिए जमीन मांगी है।

By Prem Verma Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 07:51 PM (IST)
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Farmers Protest: 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे किसान।
संवाद सहयोगी, पटियाला। पिछले 9 महीनों से अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान अब छह दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। किसान जत्थेबंदियों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ शम्भू बॉर्डर व खनौरी बॉडर्र पर मोर्चा लगाया हुआ है। अब यह किसान बिना किसी ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने उक्त जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि शम्भू व खनौरी बॉडर्र पर पिछले 9 महीनों से किसान बैठे हुए हैं, लेकिन केंद्र व पंजाब सरकार हमारी कोई मांग मानने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हमने अब अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने का फैसला लिया है।

'सरकार ने हमारे साथ धोखा किया'

उन्होंने कहा कि विभिन्न जत्थों में किसान बिना किसी वाहन में जाएंगे। उसके लिये हमने जंतर-मंतर व राम लीला ग्राउंड में जगह मांगी है। अब देखना है कि सरकार हमें वहां धरना प्रदर्शन करने के लिये जगह उपलब्ध करवाती है या नहीं। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने अगर हमारे साथ ज्यादती की तो उसे पूरा देश देखेगा।

'सरकार ने किसानों की मांगें मानी, आज तक लागू नहीं की'

बता दें कि शंभू बॉर्डर व खनौरी बॉर्डर पर टेंट लगा कर बैठे किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान अंदोलन के समय जो किसानों की मांगें मानी थी उसे आज तक लागू नहीं की।

उक्त मांगों को मनवाने के लिये जब किसान जत्थेबंदियों ने हजारों किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान किया तो शम्भू व खनौरी बॉर्डर पर बड़े-बड़े सीमेंट के बेरिकेट लगा कर किसानों को रोक दिया गया।

इतना ही नहीं किसानों पर आंशू गैस के गोले चलाये गये। लाठियां भी चलाई गईं, गोली चलाई गई, जिसमें हमारा एक नौजवान किसान शहीद हुआ और कई किसानों ने इस मोर्चे पर शहीदी दी।

पुलिस-प्रशासन को बहाना पड़ सकता है पसीना

वहीं, दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस और प्रशासन को फिर से पसीना बहाना पड़ सकता है। अगर किसान दिल्ली की तरफ बढ़ते हैं और उनको रोकने के लिए फिर से पहले जितने इंतजाम करने पड़े तो दोबारा से पुलिस-प्रशासन को पसीना बहाना पड़ सकता है। अब तो छह महीने बाद जाकर पुलिस की ओर से सड़क को पूरी तरह खोला गया है। रास्ता खुलने के बाद ही किसानों की तरफ से नया एलान आ गया है।

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