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Farmers Protest Update: शंभू बॉर्डर पर SKM आज करेगा रेलवे ट्रैक जाम, सरकार को किसानों की रिहाई का दिया था अल्टीमेटम

Farmers Protest Update एमएसपी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का जबरदस्त आंदोलन देखने को मिला। इस बीच कई किसानों को हिरासत में लिया गया। इनमें अनीश खटकड़ भी शामिल हैं। खटकड़ पिछले 28 दिनों से जेल में आमरण अनशन पर हैं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। ऐसे में किसानों ने हरियाणा सरकार से उन्हें और साथियों को छोड़ने के लिए कहा है।

By Rohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 17 Apr 2024 08:23 AM (IST)
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Farmers Protest Update: शंभु बॉर्डर पर SKM आज करेगा रेलवे ट्रैक जाम
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Farmers Protest Update: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से चेतावनी दी गई थी कि अगर नवदीप सिंह, अनीश खटकड, गुरकीरत सिंह को मंगलवार देर रात तक रिहा नहीं किया गया तो बुधवार की सुबह शंभू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया जाएगा।

28 दिनों से भूख हड़ताल पर है अनीश

अनीश खटकड जेल में हैं। वे पिछले 28 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी हालत गंभीर है, अगर उनके स्वास्थ्य को कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी।

चंडीगढ़ के किसान भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत में वरिष्ठ किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों के दोनों मोर्चों पर प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को बिजली, पानी, सफाई, फायर ब्रिगेड जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई जा रही हैं, जिससे किसानों में काफी विरोध है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं से सवाल पूछने का अभियान शांतिपूर्वक चल रहा है।

सवालों पर नहीं मिलता जवाब

भाजपा नेता किसानों के सवालों से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेताओं से भी सवाल पूछे जाएंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि जब किसान भाजपा नेताओं से सवाल पूछते हैं तो उन्हें अक्सर जवाब मिलता है कि यह ऊपर का मामला है और दिल्ली में बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेता ही इन सवालों का जवाब दे सकते हैं। इसके लिए वे बहस की चुनौती स्वीकार करेंगे।

शुभकरण की हत्या की जांच की जाए

किसानों की ओर से इसके लिए 23 अप्रैल का दिन तय किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा-पंजाब में बड़ी-बड़ी जनसभाएं की जाएगी।

किसान नेताओं ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर शुभकरण सिंह की हत्या और हिंसा की जांच के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा गठित कमेटी में हरियाणा पुलिस अधिकारी को शामिल करना उचित नहीं है क्योंकि इस मामले में हरियाणा पुलिस खुद दोषी है।

शांतिपूर्ण आंदोलन मौलिक अधिकार

हरियाणा पुलिस की जांच से पीड़ित किसानों को न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन सभी का लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकार है।

हम माननीय न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि राष्ट्रीय न्याय मोर्चा को मजबूर करने के फैसले पर पुनर्विचार करें और प्रशासन को आंदोलनकारियों के साथ किसी भी प्रकार की तानाशाही कार्रवाई न करने का निर्देश दें।

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