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Punjab Congress में लड़ाई कैप्‍टन बनाम सिद्धू नहीं, चिंता बिगड़ी छ‍वि की, 2022 आसान नहीं

पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान शांत होता दिखाई नहीं देता है। अगली सियासी पारी खेलने की तैयारी कर चुके सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के लिए चुनौती पैदा हो गई है। दरअसल पूरी लड़ाई कैप्‍टन बनाम सिद्धू नहीं है बल्कि कांग्रसियों की चिंता बिगड़ी छवि है। 2022 उनको आसान नहीं दिखता।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 07:16 AM (IST)
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पंजाब कांग्रेस में घमासान थम नहीं रहा है। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Discord In Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान पार्टी के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव मेें मुश्किल पैदा कर सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भले ही 2022 में नई पारी खेलने की तैयारी कर रहे हों लेकिन उनकी कारगुजारी जम कर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल पूरी लड़ाई को सिद्धू व बागी खेमा बनाम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की नहीं है, बल्कि कांग्रेसियों की असली चिंता पार्टी व सरकार का बिगड़ी छवि है। मंगलवार को पार्टी हाईकमान द्वारा गठित तीन नेताओं की कमेटी के समक्ष पंजाब कांग्रेस के नेताओं की पेशी में भी यह बात सामने आई।

कांग्रेस में उठे विवाद को सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान की तरफ से बनाई गई कमेटी की बैठक में कैप्टन की कारगुजारी पर जमकर सवाल उठे। हालांकि मुख्यमंत्री का विरोध व उनके नेतृत्व पर उंगली उठाने वालों की संख्या बहुत कम थी लेकिन कांग्रेस सरकार की छवि को लेकर जम कर सवाल उठाए गए। कांग्रेस के एक मंत्री ने कमेटी के समक्ष यहां तक कहा कि पंजाब में लड़ाई कैप्टन बनाम सिद्धू नहीं बल्कि कांग्रेस बनाम छवि की है। छवि को सुधार लिया जाए तो कांग्रेस अपने आप ही सुधर जाएगी। वहीं, कमेटी के सामने ज्यादातर मुद्दे बेअदबी को लेकर ही उठते रहे।

कांग्रेस की अंतरकलह को सुलझाने के लिए बनी कमेटी के सामने पेश होने वाले नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह की तरफ सबकी निगाहें लगी हुई थीं। कमेटी ने सबसे अधिक समय भी नवजोत सिंह सिद्धू को दिया। सिद्धू तकरीबन 1.30 घंटे तक कमेटी के सामने अपनी बातें रखते रहे।

परगट सिंह ने कहा - कैप्टन को जो पत्र लिखा था, उस पर काम होता तो आज इसकी जरूरत न पड़ती

परगट सिंह ने कमेटी को वह पत्र भी सौंप दिया तो उन्होंने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा था। इस चिट्ठी में परगट ने बेअदबी, ड्रग्स, ट्रांसपोर्ट माफिया, पावर पर्चेज एग्रीमेंट पर सवाल उठाए थे। परगट सिंह ने कहा कि अगर इन मुद्दों पर उस समय गौर किया जाता तो शायद आज यहां आने की नौबत नहीं आती।

परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)

नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्रीय कमेटी के समक्ष पुराने मुद्दे ही उठाए

वहीं, सूत्र बताते हैं कि सिद्धू ने जो हमले ट्वीट के जरिये कैप्टन पर किए थे, कमोवेश कमेटी के समक्ष भी उन्होंने वहीं, मुद्दों को उठाया। कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने के बाद मीडिया से बातचीत में सिद्धू ने कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। सिद्धू ने कहा, कमेटी को उन सभी बातों से अवगत करवा दिया गया जोकि पंजाब के जमीन के लोगों से आ रही है। सिद्धू ने अंत में कहा कि हरेक विरोधी ताकत को हराना है और पंजाब को जिताना है। मजेदार बात यह है कि सिद्धू ने विरोधी ताकतें कौन है, इसका कोई उल्‍लेख नहीं किया।  परगट सिंह ने कमेटी की कहा कि पंजाब में यह धारणा बन गई है कि कैप्टन और बादल मिले हुए हैं।

2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में जीतना है तो मुख्यमंत्री को घर से बाहर आना होगा

अहम पहलू यह है कि धारणा को को लेकर कई विधायकों ने सवाल उठाए। एक मंत्री ने कमेटी के सामने कहा कि धारणा यह भी बनाई जा रही है कि पंजाब में जो लड़ाई चल रही है वह कैप्टन और सिद्धू के बीच है, लेकिन  हकीकत में यह कांग्रेस सरकार की छवि को लेकर है। 2022 में अगर कांग्रेस को जीतना है तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने फार्म हाउस से बाहर निकलना पड़ेगा। वहीं, एक विधायक ने कहा कि सवाल यह उठ रहे है कि कैप्टन पहुंच में नहीं है तो नवजोत सिंह सिद्धू भी किसी की पहुंच में नहीं है।

मदनलाल जलालपुर ने भी कमेटी से मुलाकात की। उन्होंने बाद में कहा कि पंजाब में बेअदबी एक बड़ा मुद्दा है। इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार है और सरकार में बैठे लोग भी। जलालपुर ने कहा कि बेअदबी कांड को लेकर किसी व्यक्ति विशेष की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सभी की जिम्मेदारी बनती है।

मंगलवार को कमेटी के सामने तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, भारत भूषण आशु, सुखविंदर सिंह सुख सरकारिया, गुरप्रीत कांगड़ सहित पांच मंत्रियों और समेत विधायकों में रमनजीत सिंह सिक्की, हरदयाल कंबोज, निर्मल सिंह सुतराना, इंदरबीर बुलारिया, सुशील रिंकू, बलविदर सिंह लाडी आदि ने अपनी बात रखी। देर शाम कमेटी के समक्ष सांसद मो. सदीक, अमर सिंह, गुरजीत सिंह औजला, संतोख सिंह और रवनीत बिट्टू भी पेश हुए।

क्या है मामला

कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी को हाईकोर्ट द्वारा रद किए जाने के बाद कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों ने अपनी ही सरकार को बेअदबी कांड में लोगों को इंसाफ दिलवा पाने को लेकर कटघरे में खड़ा कर दिया। इससे पहले से पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। इस मामले में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और रवनीत बिट्टू ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

इसके बाद पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने व समस्या का हल बनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत की कमेटी का गठन किया। यह कमेटी दो दिनों से पंजाब के मंत्रियों, विधायकों व सांसदों से सुनवाई कर रही है। वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कमेटी के सामने पेश हो सकते है।

हल निकलेगाः अग्रवाल

कमेटी के सदस्य जय प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि जो समस्याएं है उसका हल निकलेगा और जरूर निकलेगा। सिद्धू को लेकर उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू न सिर्फ अच्छे वक्ता है बल्कि पार्टी के नेता भी है। पार्टी ने समय-समय पर उनका उपयोग किया है। उनकी कुछ नराजगी है। पार्टी सभी पक्षों को सुन कर इसका हल निकालेगी।

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