टाॅपर पिता की सामर्थ्यवान पुत्री हैं पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव, हर जगह खास छाप छोड़ी
पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन टाॅपर पिता की सामर्थ्यवान पुत्री हैं। 33 साल के अब तक के कैरियर में उनको जाे भी दायित्व मिला वहां खास छाप छाेड़ी।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 26 Jun 2020 07:33 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन टाॅपर पिता की लायक पुत्री हैं। उनके पिता भी आइएएस अफसर थे और 1957 बैच केे टाॅपर थे। उनके पिता को मैन ऑफ इंटेग्रिटी (man of integrity) के नाम से जाना जाता था। विनी महाजन ने 33 साल के कैरियर में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। उनको पंजाब की पहली महिला डीसी (जिला उपायुक्त) होने का भी गौरव हासिल है।
विनी महाजन को पंजाब की पहली महिला डीसी होने गौरव भी है हासिलविनी महाजन के पिता बी बी महाजन भी पंजाब कैडर के आइएएस अधिकारी थे। वह1957 बैच के टॉपर थे और अपनी कार्यकुशलता से अमिट छाप छोड़ी थी। उनको सत्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी (man of integrity) के रूप में जाना जाता था। वह केंद्रीय खाद्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने पंजाब में एफसीआर सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसी तरह विनी महाजन ने अपने सेवाकाल में विशेष पहचान बनाई है।
केंद्र सरकार की सेवा में भी रहीं, पंजाब में महिला सशक्तीकरण की प्रतीक बनीं1987 बैच की आइएएस अधिकारी विनी पंजाब सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य करने के साथ ही केंद्र सरकार की सेवा में रह चुकी हैं और हर जगह उन्होंने अपनी कार्यक्षमता से खास छाप छोड़ी। पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव बन वह राज्य में महिला सशक्तीकरण की प्रतीक बन गई हैं।
विनी महाजन भारत सरकार की सेवा में सचिव का पद संभालने वाली पंजाब कैडर की एकमात्र अधिकारी हैं। वह पंजाब में निवेश प्रोत्साहन, उद्योग एंव वाणिज्य, आइटी और प्रशासनिक सुधार और जन सुनवाई विभाग जैसे विभागों की अतिरिक्त मुख्य सचिव रहीं। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र रिस्पांस और खरीद कमेटी (Health Sector Response & Procurement Committee) की चेयरमैन के तौर पर कोविड-19 के संकट के नियंत्रण में अहम भूमिका निभाई है।
विनी महाजन दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र (Economics) में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने स्नातकाेत्तर (post graduate) की शिक्षा काेलकाता के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) से पूरी की। वहां उनको रोल ऑफ ऑनर में रखा गया था और बाद में विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार (Distinguished Alumnus Award) से भी सम्मानित किया गया।पंजाब में निवेश लाने में रही विशेष भूमिका, हर विभाग में छाप छोड़ी
विनी महाजन की निवेश प्रोत्साहन और उद्योग और वाणिज्य में अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब में हर साल 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के नए निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण रही। इसकी बहुत सराहना हुई। उनके संचालन का ही कमाल था के विभाग ने 2019 में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पहली बार भाग लिया। इसके साथ ही दिसंबर 2019 में सूक्ष्म, कुटीर एवं लघु उद्योगों (MSMEs) पर केंद्रित करने के साथ पंजाब में सफल निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पीएमओ मं किया कार्यविनी महाजन ने 2005 से 2012 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यलय में भी तैनात रहीं और उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने पीएमओ में वित्त, उद्योग एवं वाणिज्य, संचार, आइडी आदि से जुड़े मामलों का कार्यभार संभाला। वह केंद्र सरकार की उस कोर टीम में शामिल रहीं, जिसने वैश्विक मंदी के दौरान भारत के घरेलू वित्तीय हालात काे दुरस्त रखने में भूमिका निभाई। इससे पहले उन्होंने 2004-05 मेें वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग में निदेशक के तौर पर भी कार्य किया।
पंजाब में उन्होंने कई दायित्व संभाले। वह राज्य की पहली विनिवेश निेदेशक रहीं। वह 1997 में नए श्री आनंदपुर साहिब विकास प्राधिकरण की मुख्य प्रशासक बनाई गईं। इसके बाद उनको 1999 में खालसा पंथ के 300वें स्थापना समारोह के आयोजन केे लिए आनंदपुर साहिब फाउंडेशन का सीईओ बनाया गया। 2019 में गुरु नानक देव जी का 550 साल का उत्सव में आयोजन कमेटी केे प्रधान के रूप में दायित्व संभाला।
1995 में नियुक्त हुईं रोपड़ की जिला उपायुक्तविनी महाजन को पंजाब की पहली महिला जिला उपायुक्त (डीसी) होने का गौरव भी हासिल है। उनके 1995 में रोपड़ का जिला उपायुक्त नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल के समय साक्षरता अभियान में पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए रोपड़ को राष्ट्रीय साक्षरता अवार्ड मिला था।
विनी महाजन को राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति सहित कई शैक्षणिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनको 2000-2001 में वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विश्वविद्यालय में ह्यूबर्ट हम्फ्री फेलोशिप मिली थी। वह संभवत: देश की एकमात्र छात्रा हैं जिसने IIT और AIIMS दिल्ली में एडमिशन प्राप्त किया था। उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पूरी की थी।यह भी पढ़ें: विनी महाजन बनीं पंजाब की पहली महिला चीफ सेक्रेटरी, करण अवतार को सेवानिवृति से पहले हटाया
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