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डेढ़ साल में पहली बार पंजाब कांग्रेस को मिला पार्टी हाईकमान का साथ, सुखपाल की गिरफ्तारी से एकजुट हुए नेता

Punjab News सुखपाल खैहरा की गिरफ्तारी से कांग्रेस के नेता एकजुट हो गए हैं। आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद अभी तक सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक पूर्व मंत्रियों पूर्व विधायकों समेत वरिष्ठ नेताओं पर पर्चे दर्ज किए लेकिन पार्टी हाईकमान कभी भी प्रदेश के नेताओं के साथ खड़ी नजर नहीं आई।

By Kailash Nath Edited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 29 Sep 2023 06:17 PM (IST)
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डेढ़ साल में पहली बार पंजाब कांग्रेस को मिला पार्टी हाईकमान का साथ (फाइल फोटो)
कैलाश नाथ, चंडीगढ़: विधायक व कांग्रेस किसान सेल के चेयरमैन सुखपाल खैहरा की गिरफ्तारी ने कांग्रेस के नेताओं को जहां एक मंच पर खड़ा कर दिया है। वहीं, डेढ़ साल में पहला मौका है जब कांग्रेस हाईकमान को पंजाब कांग्रेस का साथ मिला हो।

आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद अभी तक सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों समेत वरिष्ठ नेताओं पर पर्चे दर्ज किए लेकिन पार्टी हाईकमान कभी भी प्रदेश के नेताओं के साथ खड़ी नजर नहीं आई।

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खैहरा की गिरफ्तारी के बाद पहला मौका है जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आप को राजनीतिक संयम की सीमा नहीं लांघने का संदेश दिया और कहा कि पार्टी अपने नेताओं पर किसी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।

कांग्रेस भी आ रही एकजुट नजर

वहीं, कांग्रेस भी एकजुट नजर आ रही है। इससे पहले विजिलेंस ने कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, साधू सिंह धर्मसोत और पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया लेकिन पार्टी में भी इतनी एकजुटता नजर नहीं आई। हालांकि कांग्रेस के नेता हमेशा ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले रही। यही कारण है कि राष्ट्र स्तर पर आईएनडीआईए में आम आदमी पार्टी के शामिल होने की बात आई तो पंजाब कांग्रेस ने इसका विरोध किया।

आम आदमी पार्टी वालों का नहीं देखना चाहते मुंह

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने तो यहां तक कह दिया कि हम आम आदमी पार्टी वालों का मुंह नहीं देखना चाहते गठबंधन तो दूर की बात है। पंजाब कांग्रेस में आप के खिलाफ उठी मुखर आवाज के बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने आप के साथ नजदीकियां बढ़ाई।

जिस पर 2022 के विधान सभा चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों ने एक सुर में हाईकमान को संदेश दे दिया कि वह आप के साथ गठबंधन के हक में नहीं है। इसके बावजूद हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं की नहीं सुनी। यहां तक की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि वह अपने व्यक्तिगत राय सार्वजनिक मंच पर न रखे।

पंजाब के नेताओं के साथ होना पड़ा खड़ा

इस बीच सुखपाल सिंह खैहरा के 8 साल पुराने एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस हाईकमान को भी पंजाब के नेताओं के साथ खड़ा होना पड़ा। जानकारी के अनुसार इसके पीछे कारण यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान के स्टैंड के कारण पंजाब के कई नेता नाराज दिखाई पड़ रहे थे।

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कांग्रेस को यह भी चिंता सताने लगी थी कि अगर अब प्रदेश इकाई के साथ वह नहीं खड़े होते हैं तो पार्टी में बिखराव न पैदा हो जाए। क्योंकि पार्टी हाईकमान ने भले ही गठबंधन को लेकर प्रदेश कांग्रेस को कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हो लेकिन पंजाब कांग्रेस सरकार के विरुद्ध लगातार धरने देकर पार्टी हाईकमान को अपने मंशा का स्पष्ट संकेत दे रही है।

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