बेअंत सिंह हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना को नहीं दी राहत, दया याचिका पर फैसला लेने के लिए केंद्र को दिया अल्टीमेटम
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुनवाई की। राजोआना ने अपनी दया याचिका के निपटान में देरी के आधार पर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने और रिहाई की मांग की है। कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।
कोर्ट ने मामले पर सरकार की ओर से जवाब दिए जाने तक राजोआना को अंतरिम तौर पर कुछ महीने के लिए रिहा किए जाने का अनुरोध नहीं माना और कोई भी अंतरिम आदेश दिए बगैर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। इस बीच केंद्र सरकार और पंजाब सरकार जवाब दाखिल करेंगी।
हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह राजोआना की लंबित दया याचिका पर निर्णय ले अन्यथा कोर्ट मामले पर विचार करेगा।
राजोआना पिछले करीब 29 वर्षों से जेल में है। ये निर्देश और टिप्पणियां जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा माफ कर उसे उम्रकैद में तब्दील किए जाने की मांग याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।राजोआना ने दया याचिका के निपटाने में अत्यधिक देरी को आधार बनाते हुए मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करने और रिहाई का आदेश दिए जाने की मांग की है।
'दया याचिका की स्थिति पता करनी होगी'
सोमवार को राजोआना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राजोआना पिछले 29 वर्षों से जेल में है। उसकी दया याचिका लंबे समय से राष्ट्रपति के समक्ष विचाराधीन है। तभी केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि राजोआना को पंजाब के मुख्यमंत्री की हत्या के जुर्म में सजा हुई है।मेहता ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष लंबित दया याचिका की स्थिति पता करनी होगी। इस पर पीठ ने कहा कि वह जल्दी निर्णय लें अन्यथा कोर्ट मामले पर विचार करेगा। पीठ ने पंजाब की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या उन्होंने याचिका का जवाब दाखिल कर दिया है।
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