पंजाब के पूर्व मंत्री सुंंदर शाम अरोड़ा तीन दिन के रिमांड पर, 50 लाख रिश्वत देते विजिलेंस ने किया था गिरफ्तार
पंजाब के पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को विजिलेंस की टीम द्वारा जीरकपुर में गिरफ्तार किए जाने के बाद मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। उनको तीन दिन के रिमांड पर दिया गया है। उनको विजिलेंस के एआइजी को 50 लाख रुपये की रिश्वत देते समय गिरफ्तार किया गया था।
By Jagran NewsEdited By: Sunil kumar jhaUpdated: Sun, 16 Oct 2022 03:28 PM (IST)
हजारी लाल , हाेशियारपुर/चंडीगढ़। विजिलेंस ब्यूरो की जांच का सामना कर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को विजिलेंस टीम ने जीरकपुर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अब उनको मोहाली कोर्ट में पेश किया जा रहा है। कोर्ट ने उनको तीन दिन के रिमांड पर दिया है। अरोड़ा को विजिलेंस टीम ने बीती रात जीरकपुर में विजिलेंस के एक एआइजी को 50 लाख रुपये रिश्वत देते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। पता चला है कि रिश्वत देते समय उनके साथ मौजूद उनके पीए मनी को भी गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस टीम ने पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक नोट गिनने वाली छोटी मशीन भी मिली है।
अराेड़ा व पीए को जीरकपुर के कास्माे माल से गिरफ्तार किया गया
जिस एआइजी ने सुंंदर शाम अरोड़ा को गिरफ्तार करवाया उनका नाम मनमोहन कुमार बताया जा रहा है। अरोड़ा को विजिलेंस के डीएसपी अजय कपिला ने ट्रैप लगाकर गिरफ्तार किया। बताया जाता कि अरोड़ा ने अपने खिलाफ आय से अधिक मामले का केस खत्म कराने के लिए एक करोड़ रुपये में सौदा तय किया था और पहली किस्त के रूप में 50 लाख रुपये देने पहुंचे थे। अरोड़ा को जीरकपुर के कास्मो माल से गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ सेक्शन आठ के तहत कार्रवाई की गई है।
चंडीगढ़ में पत्रकारों को सुंदर शाम अरोड़ा की गिरफ्तारी के मामले की जानकारी देते पंजाब विजिलेंस के मुख्य निदेशक वरिंदर कुमार। (एएनआइ)
ऐसे हुआ रिश्वतखोरी का खेल
दरअसल, मनमोहन कुमार होशियारपुर के कस्बा हरियाना के रहने वाले हैं। शर्मा के छोटे भाई भी पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं। चूंकि मनमोहन कुमार स्थानीय हैं, इसलिए अरोड़ा की उनके साथ अच्छी जान पहचान है। इसी वजह से अरोड़ा ने मनमोहन से संपर्क साधा। बातचीत करने के लिए 14 अक्टूबर को अरोड़ा चंडीगढ़ में मनमोहन कुमार से मिले। इस दौरान उन्होंने आय से अधिक मामले में केस रफादफा करने के लिए एक करोड़ की आफर दी।पचास लाख रुपये पहले और पचास लाख रुपये काम होने के बाद देने की बात हुई। अरोड़ा के जाने के बाद मनमोहन ने सारी जानकारी अपने अधिकारियों को दी। इसके बाद इसकी लिखित शिकायत की गई। फिर, प्लानिंग के अनुसार अरोड़ा को शनिवार को जीरकपुर बुलाया गया। इसके बाद एआइजी ने चीफ विजिलेंस को मामले की जानकारी दी।अरोड़ा ने शनिवार शाम एआइजी मनमोहन कुमार को फोन कर कहा रिश्वत के पैसे लेकर आया हूं। डीजीपी अजय कपिला ने टीम बना कर कारवाई की। सारी कमान खुद मनमोहन कुमार ने संभाल रखी थी और जैसे ही अरोड़ा ने रिश्वत के 50 लाख दिए टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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