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डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख की याचिका पर पंजाब सरकार और CBI को नए सिरे से नोटिस, अगली सुनवाई से पहले देना होगा जवाब

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की याचिका पर पंजाब सरकार और सीबीआई को नए सिरे से नोटिस दिया गया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई से पहले जवाब दायर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह भी आदेश दिए है कि अगर इन मामलों में डेरा मुखी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की जाए तो उसे पहले सात दिन पहले डेरा मुखी को नोटिस दिया जाए।

By Dayanand Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 08 Jun 2024 03:07 PM (IST)
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डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख की याचिका पर पंजाब सरकार और CBI को नए सिरे से नोटिस
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह (Dera Sachcha Sauda chief Gurmeet Singh) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार व सीबीआई को नए सिरे से दोबारा नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

हाई कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट ने पहले जो नोटिस जारी किए थे वो प्रोसेस फीस जमा न होने के चलते प्रतिवादी पक्ष को सर्व नहीं किए जा सके। इस पर हाई कोर्ट ने दोबारा नोटिस जारी कर सभी पक्षों को अगली सुनवाई से पहले जवाब दायर करने का आदेश दिया।

पंजाब सरकार मांग सकती है प्रोडक्‍शन वारंट

डेरा प्रमुख ने अपनी याचिका में बेअदबी मामले में अक्टूबर 2015 में बठिंडा के दयालपुर और नवंबर 2015 में मोगा के समालसर में दर्ज इन दोनों एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि फरवरी में इस मामले के एक आरोपित प्रदीप क्लेर द्वारा उसके खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान के आधार पर पंजाब सरकार अब उनके खिलाफ इन मामलों में प्रोडक्शन वारंट मांग सकती है।

बेअदबी मामले में पांच FIR दर्ज

डेरा मुखी ने हाई कोर्ट से इन दोनो एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक रंजिश के तहत पहले 2022 विधानसभा के चुनाव से पहले भी ऐसा कर चुकी है।

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साथ ही अब लोक सभा चुनावों के पहले भी उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करवाए जा सकते हैं, लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए। डेरा मुखी ने हाई कोर्ट से कहा की बेअदबी मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमें तीन फरीदकोट में दर्ज की गई थी।

सात दिन पहले डेरा मुखी को दिया जाएगा नोटिस

इन तीनों एफआईआर में डेरा मुखी के ट्रायल पर हाई कोर्ट अभी पिछले महीने ही रोक लगा चुका है और पूरा मामला हाई कोर्ट को लार्जर बेंच को रेफर किया जा चुका है। लेकिन बठिंडा और मोगा की एफआईआर में डेरा मुखी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह भी आदेश दिए है कि अगर इन मामलों में डेरा मुखी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की जाए तो उसे पहले सात दिन पहले डेरा मुखी को नोटिस दिया जाए।

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