Chandigarh : फर्जी दस्तावेज बनाकर आरोपियों को जमानत दिलाता था गिरोह, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को दिए जांच के आदेश; तीन पर केस दर्ज
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अदालत से लोगों की जमानत कराने के मामले में अदालत ने संज्ञान लिया। इस मामले की जांच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से करवाने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयबीर सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि गिरोह फर्जी जमानत देने के लिए न सिर्फ राजस्व रिकॉर्ड से गड़बड़ी कर रहा है बल्कि आधार कार्ड के साथ भी छेड़छाड़ हो रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अदालत से लोगों की जमानत कराने के मामले में अदालत ने संज्ञान लिया है। इस मामले की जांच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा एसएसपी को इस मामले में की जाने वाली कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट 29 फरवरी को पेश करने के आदेश दिए हैं।
तीन लोगों को खिलाफ मामला दर्ज
इसके बाद सेक्टर 36 थाना पुलिस ने अदालत के आदेशों पर फर्जी जमानत मामले से जुड़े आरोपित ऋषिकेश और उसके पिता के अलावा बाल कृष्ण उर्फ अमन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता एवं इससे पैदा होने वाली कानूनी अड़चनों समेत कानून-व्यवस्था को देखते हुए एसएसपी को मामले की जानकारी दी जाए।
राजस्व रिकॉर्ड और आधार कार्ड से भी की छेड़छाड़
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयबीर सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि गिरोह फर्जी जमानत देने के लिए न सिर्फ राजस्व रिकॉर्ड से गड़बड़ी कर रहा है बल्कि आधार कार्ड के साथ भी छेड़छाड़ हो रही है। उनके सामने इस तरह के कई मामले आ चुके हैं। अदालत ने कहा कि बाल कृष्ण से मिली जानकारी पर बेहद गंभीरता से जांच करनी चाहिए नहीं तो आरोपियों को कानून का कोई भय नहीं रहेगा और आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को छुड़ाते रहेंगे और गिरफ्तारी से भी नहीं डरेंगे। यह सारी प्रणाली को दूषित करेगा।यह कहा आरोपितों ने
पुलिस ने 15 नवंबर 2023 को दर्ज मामले में 25 दिसंबर को ऋषिकेश नामक आरोपित को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में भी वह जेल में बंद है। इस मामले में दीपक नामक एक आरोपित जमानत पर है। ऋषिकेश की जमानत कराने के लिए फर्जी दस्तावेज अदालत में पेश किए गए। ऋषिकेश ने बताया कि उसकी जमानत कराने के लिए उसके पिता ने बाल कृष्ण को 25 हजार रुपये दिए थे।
बाल कृष्ण को मिले 2500 रुपये
वहीं बाल कृष्ण ने कहा था कि उसे केवल 2500 रुपये दिए गए थे। बाकी रुपये बिल्ला नामक एक व्यक्ति ने लिए थे। ऐसे में अदालत ने कहा था कि पुलिस को मामला दर्ज कर ऋषिकेश, उसके पिता और बाल कृष्ण के खिलाफ जांच शुरू करनी चाहिए।अंबाला और मोहाली तक फैला रैकेट
अब तक की जांच में सामने आया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत कराने के रैकेट चंडीगढ़ के अलावा अंबाला और मोहाली में भी फैला हुआ है। पुलिस पूछताछ में बाल कृष्ण ने यह माना था कि वह अब तक कई मामलों में अलग-अलग नामों से लोगों की जमानत करा चुका है। उसने कहा था कि उसकी तरह राजपुरा का सन्नी सरदार, अरमजीत और अंबाला का सोनू ने भी कई मामलों में आरोपियों की फर्जी जमानत दे चुके हैं।
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