Move to Jagran APP

Chandigarh News: नहीं मिले पुख्ता सबूत... बरी हुआ गैंगस्टर संपत नेहरा, व्यापारी ने लगाए थे करोड़ों की रंगदारी मांगने के आरोप

गैंगस्टर संपत नेहरा (Gangster Sampat Nehra) को आज जिला कोर्ट ने चंडीगढ़ में सेक्टर-11 स्थित जाने माने केमिस्ट शॉप कुमार ब्रदर के मालिकबरी कर दिया है। संपत नेहरा के खिलाफ पुख्ता सबूत न मिलने के चलते कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है। संपत नेहरा अन्य मामलों में बठिंडा जेल (Bathinda Jail) में बंद है। उसे पेश करने के लिए पंजाब पुलिस (Punjab Police) जिला अदालत लेकर आई थी।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Mon, 12 Feb 2024 06:38 PM (IST)
Hero Image
जिला अदालत ने गैंगस्टर संपत नेहरा को बरी कर दिया है। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। छह वर्ष पुराने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित जाने माने केमिस्ट शॉप कुमार ब्रदर के मालिक से तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में सोमवार को जिला अदालत ने गैंगस्टर संपत नेहरा को बरी कर दिया।

उसके खिलाफ जेएमआइसी मयंक मारवाह की कोर्ट में यह केस चल रहा था। संपत के खिलाफ पुलिस के पुख्ता सबूत नहीं थे, जिस पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। संपत नेहरा अन्य मामलों में बठिंडा जेल में बंद है। उसे पेश करने के लिए पंजाब पुलिस जिला अदालत लेकर आई थी।

संपत नेहरा के खिलाफ सेक्टर-3 थाना पुलिस ने अप्रैल 2018 में कुमार ब्रदर के मालिक अश्वनी कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया था। संपत का केस लड़ने वाले एडवोकेट रमन सिहाग और नीरज सनसनीवाल ने बहस के दौरान कहा कि उसे पुलिस ने झूठे केस में फंसाया है।

वहीं, मामले में शिकायतकर्ता कभी कोर्ट में गवाही देने ही नहीं आया। एडवोकेट सिहाग ने कहा कि शिकायतकर्ता अश्वनी कुमार और संपत के बीच रंगदारी के रुपयों का लेनदेन ही नहीं हुआ, जिससे उसपर लगाए आरोप साबित नहीं हुए और अदालत ने उसे बरी कर दिया।

संपत बोला- अंजाम अच्छा नहीं होगा

दर्ज मुकदमे के अनुसार, कुमार ब्रदर केमिस्ट के मालिक अश्वनी कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 10 अप्रैल 2018 को रात करीब 10.50 बजे उसे अज्ञात नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने अपना नाम संपत नेहरा बताया। संपत ने कहा कि आपके पास मेरे दो लड़के आएंगे।

जिनको आपने तीन करोड़ रुपये देने हैं। इस पर अश्वनी कुमार ने कहा कि मैं तीन करोड़ रुपये नहीं दे सकता। मैं तो 4-5 लाख रुपये दे सकता हूं। संपत ने कहा कि आप सोच लो नहीं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। मैं दो दिन बाद फिर फोन करूंगा और फिर उसने फोन काट दिया।

दो सप्ताह बाद दूसरे मामले में बरी हुआ संपत नेहरा

इससे पहले 31 जनवरी को गवाह को जान से मारने की धमकी देने के मामले में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जसप्रीत सिंह मिन्हास की काेर्ट ने संपत नेहरा को बरी कर दिया था। उसके खिलाफ छह साल पहले सेक्टर-36 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था, लेकिन मामले में शिकायतकर्ता कोर्ट में बयानों से मुकर गया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।