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Gippy Grewal Case: पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर HC ने लगाई रोक, धोखाधड़ी का था मामला

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) अधिनियम की धारा 45 से संबंधित एक कथित मामले में पंजाबी अभिनेता निर्माता और गायक रूपिंदर सिंह ग्रेवाल उर्फ ​​गिप्पी ग्रेवाल के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ग्रेवाल ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बठिंडा द्वारा पारित 20 अप्रैल के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था।

By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 09:26 PM (IST)
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पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर HC ने लगाई रोक
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) अधिनियम की धारा 45 से संबंधित एक कथित मामले में पंजाबी अभिनेता, निर्माता और गायक, रूपिंदर सिंह ग्रेवाल उर्फ ​​गिप्पी ग्रेवाल के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता ग्रेवाल ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बठिंडा द्वारा पारित 20 अप्रैल के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था।

धारा 319 के तहत आरोपी नामित

5 नवंबर 2014 को कैनाल कॉलोनी बठिंडा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में ग्रेवाल को सीआरपीसी की धारा 319 के तहत एक अतिरिक्त आरोपी नामित किया गया था। ग्रेवाल के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता न तो उस कंपनी का शेयरधारक है, जिसमें शिकायतकर्ता ने निवेश किया था और न ही याचिकाकर्ता ने कंपनी की कोई योजना शुरू की है।

याचिकाकर्ता किसी भी गलत काम के लिए जिम्मेदार नहीं

याचिकाकर्ता ने कंपनी द्वारा आयोजित एक समारोह में भाग लिया। वकीलों ने तर्क दिया कि इसलिए, याचिकाकर्ता कंपनी के व्यवसाय में किसी भी गलत काम के लिए जिम्मेदार नहीं है।

दलील दी गई कि निचली अदालत ने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत किसी व्यक्ति को अतिरिक्त आरोपी के रूप में बुलाने के लिए पूर्व शर्त पर कानून की पालना न करते हुए बिना ही तरीके से आदेश पारित कर दिया है।

13 फरवरी 2024 तक मांगा जवाब

सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस राजबीर सहरावत की बेंच ने पंजाब सरकार को 13 फरवरी 2024 के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।हाई कोर्ट ने आदेश दिया इस बीच, केवल याचिकाकर्ता के लिए आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी।

हालांकि, अंतरिम आदेश को किसी भी तरह से अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक नहीं माना जाएगा।

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