सर्जरी के बाद बेटी की मौत, परिवार ने मांगा 65 लाख मुआवजा
पेट में दर्द होने पर ईलाज करवाने गई बेटी की मौैत के बाद पिता केस दर्ज करवाने के लिए दर-दर भटका। आखिर में जब पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं कि तो मजबूर पिता ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया और केस दर्ज करवाया।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 13 Jul 2019 11:59 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पेट में दर्द होने पर ईलाज करवाने गई बेटी की मौैत के बाद पिता केस दर्ज करवाने के लिए दर-दर भटका। आखिर में जब पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं कि तो मजबूर पिता ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया और केस दर्ज करवाया। कोर्ट ने केस दर्ज कर अब मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 जुलाई दी है।
शनिवार को जिला अदालत में नेशनल लोक अदालत लगी थी। जहां पर फास्ट ट्रैक कोर्ट लगाकर केसों का निपटारा किया जाता है। तभी वहां पर रामदरबार निवासी मोहन लाल यादव ने सेक्टर-33 स्थित लैंडमार्क अस्पताल और फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ केस दर्जकर 65 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। शिकायत में बताया कि उनकी 23 साल की बेटी मनीषा का 12 जुलाई 2018 को पेट में दर्द हुआ था। डॉक्टरों से जांच करवाने पर पता चला कि बेटी की किडनी में पथरी है। ईलाज करवाने के लिए मनीषा ने प्राइवेट अस्पताल में जाने की बात कही। 16 जुलाई 2018 को मनीषा का लैंडमार्क अस्पताल में चेकअप करवाया गया और डॉक्टरों ने उसे वहीं पर भर्ती कर लिया। मनीषा की हालत सामान्य होने के बावजूद डॉक्टरों ने उसकी जान को खतरा बताते हुए सर्जरी करने की बात कही। मनीषा के पिता ने दो लाख रुपये का इंतजाम किया। 18 जुलाई को अचानक मनीषा को ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी के लिए ले जाया गया। लैंडमार्क ने फोर्टिस अस्पताल किया रेफर, लेकिन वहां पहुंचने पर मनीषा की हो गई मौत सर्जरी के बाद मनीषा को आइसीयू में भर्ती किया हुआ था। अचानक डॉक्टरों ने मनीषा की हालत खराब होने की बात कहते हुए फोर्टिस अस्पताल में रेफर कर दिया। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि मनीषा की तो मौत हो चूकी है। मोहन लाल का आरोप है कि लैंडमार्क अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया ही नहीं कि हालत नार्मल होने के बाद सर्जरी क्यों की गई। डॉ. बीएस चवन की रिपोर्ट में अस्पताल पाया गया था दोषी बेटी की मौत के बाद मनीषा के परिवार ने लैंडमार्क अस्पताल के बाहर प्रोटेस्ट किया और पुलिस बुलाई। लेकिन पुलिस ने भी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मोहन लाल ने प्रशासन को भी अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी। शिकायत पर प्रशासन ने मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी बनाई जिसकी अध्यक्षता डॉ. बीएस चवन कर रहे थे। चवन की रिपोर्ट में लैंडमार्क अस्पताल को दोषी बताया गया। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर मोहन लाल ने शनिवार को लोक अदालत में केस दर्ज किया।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।