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चंडीगढ़ में अब छात्र नहीं कर सकेंगे क्लास बंक, रजिस्टर मोबाइल नंबर पर तुरंत पहुंचेंगी जानकारी; स्कूल से छुट्टी तय

आनलाइन हाजिरी की सुविधा शहर के स्कूलों में एक अगस्त से शुरू होने जा रही है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न प्रदेशों के बच्चे शहर के सरकारी स्कूलों में डम्मी एडमिशन लेकर प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट से विभिन्न टेस्टों की तैयारी करते हैं।

By DeepikaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 11:32 AM (IST)
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चंडीगढ़ में आज से शुरू होगी आनलाइन हाजिरी की सुविधा। (सांकेतिक चित्र)
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। सरकारी स्कूल के विद्यार्थी अब क्लास बंक नहीं कर सकेंगे। क्लास बंक की जानकारी सुबह हाजिरी के समय स्कूल प्रिंसिपल, जिला शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ अभिभावक के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर तुरंत पहुंच जाएगी। इस सुविधा से जहां बिना कारण बताए क्लास से गैर हाजिर रहने वाले विद्यार्थियों पर लगाम लगेगी, वहीं शहर के सरकारी स्कूलों में चलने वाली डम्मी क्लासों पर भी नियंत्रण लगेगा।

शिक्षा विभाग ने अडोप्ट किया एप

यदि विद्यार्थी महीने में 12 दिन से ज्यादा डम्मी क्लास या अन्य कारण से क्लास बंक करता है तो उसकी स्कूल से छुट्टी तय होगी। आनलाइन हाजिरी की सुविधा शहर के स्कूलों में एक अगस्त से शुरू होने जा रही है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न प्रदेशों के बच्चे शहर के सरकारी स्कूलों में डम्मी एडमिशन लेकर प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट से तैयारी करते हैं। डम्मी क्लास के साथ कोचिंग लेने वाले छात्रों को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन शहर के विद्यार्थी एडमिशन से वंचित रह जाते हैं। इसी परेशानी से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने आनलाइन एप के जरिए हाजरी लगाने के लिए एप अडोप्ट किया है।

डेढ़ लाख छात्र कर रहे 116 सरकारी स्कूलों में पढ़ाई

शहर में 116 सरकारी स्कूल हैं, जिसमें डेढ़ लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इन छात्रों की रोजाना हाजिरी आनलाइन मोबाइल, लैपटाप और कम्प्यूटर पर लगाने के लिए एप का इस्तेमाल होगा। विभाग द्वारा तैयार एप में विद्यार्थी की मौलिक जानकारी अपडेट है। मौलिक जानकारी में विद्यार्थी के माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर के साथ ब्लड ग्रुप, क्लास, रोल नंबर, स्कूल में दाखिले तक की जानकारी अपडेट की गई है।

क्लाब बंक रोकने के लिए अडोप्ट किया एप

डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हर सुहिंदरपाल सिंह बराड़ ने बताया कि डम्मी क्लास एडमिशन और बंक मारने वाले छात्रों पर रोक लगाने के लिए एप को अडोप्ट किया है। शहर में सीनियर सेकेंडरी स्कूल कम है, लेकिन छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है। ज्यादातर बच्चे इंस्टीट्यूट में कोचिंग लेने के लिए शहर आ रहे होते हैं।

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