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Video: पंजाब से बिहार के चुनाव पर कांग्रेस की निगाह, श्रमिकों को भेज रही सरकार, श्रेय लेने में जुटी

कांग्रेस की पंजाब से बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर नजर है। स्‍पेशल ट्रेनों से सरकार के खर्च पर श्रमिकों को बिहार भेजा जा रहा है लेकिन कांग्रेस इसका श्रेय लेने में जुटी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 13 May 2020 08:30 PM (IST)
Video: पंजाब से बिहार के चुनाव पर कांग्रेस की निगाह, श्रमिकों को भेज रही सरकार, श्रेय लेने में जुटी
चंडीगढ़/अमृतसर, [कैलाश नाथ/ विपिन राणा]। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण रोजाना हजारों श्रमिक पंजाब सहित विभिन्‍न राज्‍यों से बिहार व उत्तर प्रदेश अन्‍य प्रदेशों में लौट रहे हैैं। इन श्रमिकों को केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार के खर्च पर भेजा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस ने इस पर सियासत शुरू कर दी है और इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने इस संबंध में पोस्‍टर- बैनर लगा दिए हैं और पार्टी नेता व कार्यकर्ता रेलवे स्‍टेशनों पर पहुंच कर इन श्रमिकों में पर्चे बांट रहे हैा। दरअसल कांग्रेस इन श्रमिकों के जरिये वह बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है और उसकी निगाह बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर है।

ट्रेन से लौट रहे श्रमिकों को कांग्रेसी बोल रहे- कांग्रेस व सोनिया गांधी ने दिया आपका किराया

माना जा रहा है कि श्रमिकों को दी जा रही सरकारी मदद का श्रेय लेने के पीछे उसकी नजर बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर है। पंजाब मेें प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक के कांग्रेस नेता श्रमिकों को यह संदेश देने में जुट गए हैं कि उनकी घर वापसी के टिकट का खर्च कांग्रेस पार्टी ने दिया है। दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने इसे वोट बैैंक की ओछी राजनीति बताते हुए कांग्रेस की आलोचना की है।

बिहार में विधानसभा चुनाव, पंजाब में श्रमिक बने कांग्रेस के लिए 'आंख का तारा'

चूंकि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए कांग्रेस को लगता है कि उसे इसका लाभ वहां मिल सकता है। पार्टी को लगता है कि इस समय जो श्रमिक बिहार जा रहे हैैं उनमें ज्यादातर तो चुनाव तक रुकेंगी। ऐसे में पंजाब में बोई गई फसल बिहार चुनाव तक पक जाएगी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार व गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बठिंडा में ट्रेन से मुजफ्फरपुर (बिहार) जाने वाले श्रमिकों के बीच में खुद पर्चे बांटे और उनसे कहा कि उनके टिकट का खर्च कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उठाया है।

पर्चे में लिखा है कि मुश्किल दौर में कांग्रेस ने ही थामा श्रमिकों का हाथ, सोनिया ने कांग्रेस की प्रदेश सरकारों को श्रमिकों की घर वापसी में सहयोग करने को कहा। जालंधर में भी श्रमिकों के बीच कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पर्चे बांटे। अमृतसर में कांग्रेसियों ने रेलवे स्टेशन के बाहर होॄडग लगाया है जिसमें लिखा है, 'अपनी जन्मभूमि वापस भेजने के लिए श्रीमती सोनिया गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह का हार्दिक आभार।'

संकट काल में कांग्रेस कर रही गंदी राजनीति : भाजपा

भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्विनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस बेहद गंदी राजनीति पर उतर आई है। श्रमिक संकट के इस काल में अपने परिवार वालों के पास जाना चाहते हैं। कांग्रेस इसमें भी वोट की झलक देख रही है, जबकि श्रमिकों के किराये में 85 राशि फीसद रेलवे और 15 फीसद राज्य सरकार ने दी है।

कांग्रेस बताए कि पार्टी फंड से कितना पैसा दिया : शिअद

शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता व पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस का यही चरित्र है। आज जब पूरा प्रदेश श्रमिकों के साथ सहानुभूति के साथ खड़ा है तब कांग्र्रेस राजनीति कर रही है। कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि श्रमिकों को घर वापस भेजने के लिए उसने पार्टी फंड से कितना पैसा खर्च किया है क्योंकि सरकार जनता के टैक्स से चलती है, किसी पार्टी के फंड से नहीं।

टिकट का पैसा कांग्रेस सरकार ने दिया : जाखड़

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि टिकट का पैसा निश्चित रूप से कांग्रेस सरकार ने दिया है। कांग्रेस श्रमिकों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है। स्टेशन पर खाने से लेकर पानी तक का इंतजाम पार्टी कर रही है। अकाली दल और भाजपा वाले वहां पर जाकर श्रमिकों का हालचाल क्यों नहीं पूछते? प्रधानमंत्री अगर श्रमिकों के खाते में 7,500 रुपये भी डाल देते तो श्रमिक अपने घर जाने को मजबूर नहीं होते।

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अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाया होर्डिंग

दरअसल श्रमिकों को रेलगाड़ी से घर पहुंचाने को लेकर कांग्रेस नेता प्रदेश के अलग-अलग शहरों में इसका क्रेडिट ले रहे हैं, तो अमृतसर में रेलवे स्टेशन के बाहर होर्डिंग लगा दिया गया है। इसमें श्रमिकों की घर वापसी का क्रेडिट कांग्रेस दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर लोगों व नेताओं की एंट्री प्रतिबंधित होने की वजह से प्लेटफार्म पर क्रेडिट का खेल खेलने का शहर के नेताओं को मौका नहीं मिल रहा। हालांकि जब पहली ट्रेन अमृतसर से रवाना हुई तो सांसद गुरजीत सिंह औजला ने श्रमिकों को सैनिटाइजर, मास्क व पानी मुहैया करवाया, लेकिन वापसी को लेकर कोई सियासी बात उन्होंने नहीं की।

इसके बाद अलग-अलग शहरों में कांग्रेस नेताओं ने जब इसका श्रेय लेने की कवायद शुरू की तो अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर भी होर्डिं लगा दिया गया। होर्डिंग में लिखा है कि 'अपनी जन्मभूमि वापस भेजने के लिए श्रीमती सोनिया गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह का हार्दिेक आभार।' हालांकि होर्डिंगके नीचे किसी भी स्थानीय या प्रमुख नेता का नाम नहीं है। न ही स्थानीय लीडरशिप ही इस बाबत बोल रही है कि यह होर्डिंग किसने और किसके कहने पर लगवाया है।

कांग्रेस के गले की फांस बनेगा क्रेडिट

श्री हजूर साहिब में फंसे श्रद्धालुओं को पंजाब लाने के बाद छिड़ी सियासत अभी ठंडी भी नहीं हुई कि श्रमिकों की वापसी पर भी राजनीति छिड़ गई है। कांग्रेस नेताओं ने इस पर बढ़-चढ़कर बोलना तो शुरू कर दिया है, पर  इससे उद्योगपति खासे खिन्न हैं और पिछले दिनों वह कह भी चुके हैं कि नेताओं की यह कार्यवाही इंड्रस्टी को जहर देने वाली है। नेताओं की श्रमिकों को वापस भेजने की क्रेडिट वार कहीं आने वाले चुनाव में उन पर भारी न पड़ जाए।

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