Punjab News: पूर्व प्रशासक बनवारी लाल का इस्तीफा अभी तक अस्वीकार, पुरोहित बोले- 'कारण पूरी तरह से था व्यक्तिगत...'
Punjab News पंजाब के पूर्व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। इस पर पुरोहित का अब बयान सामने आया है। उन्होंंने कहा कि मेरा कारण पूरी तरह से व्यक्तिगत था फिर भी अभी तक इस्तीफा अस्वीकार है। पुरोहित ने पिछले महीने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
पीटीआई, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) ने पिछले महीने राज्यपाल का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। अब उन्होंने इसको लेकर बयान जारी किया है। पुरोहित ने कहा कि इस्तीफा देना पूरी तरह से व्यक्तिगत था। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें रुकने और अपना काम जारी रखने के लिए भी कहा गया था।
पुरोहित ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान की गई पहलों के बारे में भी चर्चा की। पुरोहित ने अपने इस्तीफे के पीछे की असली वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया लेकिन प्रशासन अभी भी उनको काम जारी रखने के लिए कह रहे हैं।
परिवार के साथ बिताऊंगा समय: पुरोहित
पुरोहित ने आगे कहा कि मेरी पत्नी नागपुर से यहां आई थी लेकिन 10 दिनों के बाद वापस चली गई। मेरा परिवार, वे मुझे वहां याद कर रहे हैं। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है, ताकि मैं अपने परिवार के साथ समय बिता सकूं। बता दें पुरोहित ने पिछले महीने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।पंजाब से पहले तमिलनाडु के राज्यपाल थे पुरोहित
पूर्व प्रशासक ने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें और उपकृत करें। पुरोहित को अगस्त 2021 में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह 2016 से 2017 तक असम के राज्यपाल और 2017 से 2021 तक तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुके पूर्व प्रशासक
पूर्व प्रशासक 1984, 1989 और 1996 में नागपुर से तीन बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने 1 मार्च को बजट सत्र के शुरुआती दिन पंजाब विधानसभा संबोधन के बारे में भी बताया। बता दें विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों को उठाया था तो राज्यपाल द्वारा इसे बाधित किया गया था। राज्यपाल ने अब कहा कि उस समय मेरा विचार यह था कि सदन का उचित प्रयोग होना चाहिए। कांग्रेस सदस्यों से मैंने कहा कि वे पहले मेरा संबोधन सुनें और उसके बाद ही बहस करें।
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