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कोरोना मरीजों से ओवरचार्जिंग नहीं कर पाएंगे प्राइवेट अस्पताल, 1800 में सीटी स्कैन, जानें ये पूरी डिटेल

Guidelines for private hospital कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर खूब लूट मचाई थी। लोगों को लाखों रुपये का बिल थमा दिया जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 02:00 PM (IST)
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चंडीगढ़ प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Guidelines for private hospital, Corona Update Chandigarh: कोरोना की तीसरी लहर शहर में दस्तक दे चुकी है। ऐसे में अब अस्पतालों में कोरोना मरीजों का बोझ बढ़ना स्वभाविक है। ऐसे में दूसरी लहर के दौरान प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर खूब लूट मचाई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। शहर के सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम में जहां बेड की संख्या 20 से अधिक है, उन्हें अपने कुल बेड का 50 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व रखना होगा। स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी की है। प्राइवेट अस्पताल संचालक कोरोना संक्रमित मरीजों से टेस्ट और इलाज के नाम पर ओवरचार्जिंग न कर सके, इसके लिए भी स्वास्थ्य सचिव ने पुरानी नोटिफिकेशन में इलाज से लेकर बेड और जांच के तय किए गए रेट को दोबारा से जारी किए हैं।

आरटी-पीसीआर टेस्ट का शुल्क 450 रुपये प्रति टेस्ट तय है। पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट का शुल्क 900 रुपये था। रैपिड एंटीजन टेस्ट के शुल्क में भी कटौती की गई गई है। अब प्रति रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 350 रुपये तय है। पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट का शुल्क 500 रुपये में होता था। अगर कोई भी कोरोना टेस्ट के तय शुल्क से अधिक पैसे लेते हैं तो उसके खिलाफ आइपीसी की धाारा-188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

1800 में होगा सीटी स्कैन और एचआरसीटी चेस्ट की जांच

नोटिफिकेशन के मुताबिक शहर की कोई भी लैब, अस्पताल या प्राइवेट डायग्नोस सेंटर लोगों का कोरोना टेस्ट करते समय तय किए गए शुल्क से अधिक चार्ज नहीं करेगा। कई लैब और अस्पताल द्वारा कोरोना टेस्ट के साथ पीपीई किट, पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और अलग से जीएसटी शुल्क भी वसूल रहे हैं। इसकी कई बार शिकायत मिल चुकी है। स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई भी लैब या अस्पताल तय किए गए शुल्क से कोरोना टेस्ट के नाम पर अधिक चार्ज करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर पर सीटी स्कैन, एचआरसीटी चेस्ट की जांच के लिए 1800 रुपये रेट तय है।

प्राइवेट अस्पतालों को भी सख्त हिदायत

प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम में यह रेट होंगे लागू प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में काम आने वाले हर मेडिकल सुविधा का रेट तय कर रखे हैं। कोरोना मरीज के लिए बेड से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक की सुविधा देने के लिए रेट तय हैं। कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोरोना पेशेंट से ओवरचार्जिंग नहीं कर सकता। अगर  कोई भी प्राइवेट अस्पताल ओवरचार्जिंग करते पकड़ा  जाता है उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उस प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन के लिए होगा यह रेट

स्वास्थ्य विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है, उसके मुताबिक एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा के लिए 10 हजार रुपये चार्ज किया जाएंगे। जबकि जो अस्पताल एनएबीएच से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, उनमें कोरोना के मरीजों से आठ हजार रुपये फीस वसूल की जाएगी।

बिना वेंटिलेटर के आइसीयू की सुविधा के लिए होंगे ये रेट

एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज के लिए बिना वेंटिलेटर के आइसीयू वार्ड की सुविधा के लिए 15 हजार रुपये फीस के तौर पर वसूल किए जाएंगे। जबकि बिना एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल में बिना वेंटिलेटर के आइसीयू वार्ड की सुविधा के लिए 13 हजार रुपये देने होंगे।

वेंटिलेटर के साथ आइसीयू वार्ड की ये होगी फीस

एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल में कोरोना के मरीज से वेंटिलेटर के साथ आइसीयू वार्ड के लिए 18 हजार रुपये चार्ज किए जाएंगे। जबकि बिना एनएबीएच से मान्यता वाले अस्पताल में कोरोना के मरीज से 15 हजार रुपये वसूल किए जाएंगे।

हॉस्पिटल में एडमिट करने पर देना होगा यह खर्च

अस्पताल की कैटेगरी                                                   रेट

एनएबीएच से मान्यता प्राप्त वाले अस्पताल                        5,500

एनएबीएच से बिना मान्यता प्राप्त वाले अस्पताल                  4,500

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