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Punjab New Governor: पंजाब के नए गर्वनर बने गुलाब चंद कटारिया, राष्‍ट्रपति ने पुरोहित का इस्‍तीफा किया मंजूर

Punjab New Governor पंजाब को नया राज्‍यपाल मिल गया है। बनवारी लाल पुरोहित की जगह भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने ले ली है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बनवारी लाल पुरोहित का इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है। वहीं उन्‍हें उनके पद से मुक्‍त कर दिया है। अब पंजाब की कमान राजस्‍थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री के हाथों में आ गई है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 28 Jul 2024 07:32 AM (IST)
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Punjab New Governor: पंजाब को मिला नया राज्‍यपाल
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Punjab New Governor: राजस्‍थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को पंजाब का राज्‍यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बनवारी लाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) का पंजाब के राज्यपाल के तौर पर इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

अब बनवाारी लाल पुरोहित की जगह गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं शनिवार की देर रात पंजाब समेत कई राज्‍यों में राज्‍यपाल नियुक्‍त किए गए हैं। 

बनवारी लाल पुरोहित ने फरवरी में दिया था इस्‍तीफा

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने फरवरी महीने में इस्तीफा दिया था। पुरोहित का मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ कई मुद्दों को लेकर विवाद होता रहा है।

राज्यपाल के साथ विवादों के मुद्दे को पंजाब सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ले जाने और वहां से फटकार लगने के बाद पुरोहित काफी नाराज चल रहे थे। इसी कारण उन्होंने इस्तीफा गृहमंत्री अमित शाह के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंप दिया था। हालांकि उनका इस्तीफा उस समय स्वीकार नहीं किया गया।

कई विवादों में रहे पुरोहित

अभी शुक्रवार को ही उन्होंने इस्तीफे पर मीडियाकर्मियों से बात भी की थी, जिसमें उन्होंने सीएम मान से विवाद को ही इस्तीफे का कारण बताया। पुरोहित इससे पहले असम, मेघालय और तमिलनाडु के भी राज्यपाल रह चुके हैं। पुरोहित का पंजाब में तीन साल का कार्यकाल काफी विवादों में रहा। खासतौर पर जबसे पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच एक के बाद एक विवाद पनपते ही रहे हैं।

ये था पहला विवाद

पहला विवाद तब शुरू हुआ जब मेडिकल यूनिवर्सिटी फरीदकोट के वाइस चांसलर की नियक्ति पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला चांसलर होने के नाते वह स्वयं करेंगे। सीएम ने डाक्टर जीएस वांडर को वाइस चांसलर लगाने की फाइल भेजी थी, जिसे लौटाते हुए राज्यपाल ने तीन नाम का पैनल भेजने के लिए राज्य सरकार से कहा।

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इसके बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर भी राज्यपाल ने पहली बार राज्य सरकार के आग्रह को ठुकरा दिया और उनसे पूछा कि विशेष सत्र बुलाने का कारण बताया जाए। इसको लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच काफी पत्राचार चला। इसी तरह फरवरी महीने में बुलाए जाने वाला बजट सत्र को लेकर भी विवाद बढ़ गया। यहां तक कि पंजाब विधानसभा की ओर से पारित किए गए बिलों को भी राज्यपाल ने पारित करने से मना कर दिया था।

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