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आप में घमासान : घुग्गी ने दिया इस्तीफा तो पार्टी ने उपकार संधू को निकाला

पंजाब आप के कन्‍वीनर पद से हटाए गए गुरप्रीत सिंह घुग्‍गी ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्‍होंने यहां अपने इस्‍तीफे का एलान किया। दूसरी ओर, उपकार संधू काे आप ने निकाल दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 11 May 2017 08:57 AM (IST)
आप में घमासान : घुग्गी ने दिया इस्तीफा तो पार्टी ने उपकार संधू को निकाला
जेएनएन, चंडीगढ़़। आम आदमी पार्टी के पंजाब कन्‍वीनर पद से तीन दिन पहले हटाए गए गुरप्रीत सिंह घुग्‍गी ने पार्टी छोड़ दी है। उन्‍होंने बुधवार को यहां आप को अलविदा कहने का एलान किया। घुग्‍गी ने कहा कि वह फिलहाल किसी अन्‍य पार्टी में शामिल नहीं होंगे। उन्‍होंने इस मौके पर उन्‍हाेंने अाम अादमी पार्टी के केंद्रीय नेताआें पर जमकर हमले किए। दूसरी अोर भगवंत मान को पार्टी का प्रदेश प्रधान बनाने का विरोध करने वाले उपकार संधू को आप से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है।

यहां  प्रेस क्‍लब में पत्रकारों से बातचीत में गुरप्रीत सिंह घुग्‍गी ने कहा कि उनको जिस तरह पंजाब आप के कन्‍वीनर पद से हटाया गया वह सही नहीं थी। उन्‍हें गलत तरीके से इस पद से हटाया गया। उन्‍होंने कहा कि भगवंत मान को आप का पंजाब प्रधान बनाना गलत था। वह विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान समिति के प्रधान थे तो फिर वह हार की जिम्‍मेदारी से कैसे बच सकते हैं।

उन्होंने आरोप लगाए कि पार्टी के चुनाव आब्जर्वरों की पैसे हड़पने और महिलाओं के शोषण की शिकायतों के कारण उन्हें पद से हटाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने भगवंत मान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मान की आदतों को हर कोई जानता है और उनके प्रधान बनने से पार्टी का ग्राफ पंजाब में गिरेगा।

घुग्गी ने कहा, भगवंत मान की बचकाना और शराबियों जैसी हरकतों से हर कोई वाकिफ है। पार्टी ने जल्दबाजी में जिस तरह गलत ढंग से मान को प्रधान बनाया है इसका उन्हें रोष है। घुग्गी ने कहा कि नए प्रधान के चुनाव में विधायकों, चुनाव लड़े उम्मीदवारों व सीनीयर नेताओं की राय नहीं ली गई। प्रधान का चुनाव उस समय हुआ जब इसकी पंजाब में कोई जरूरत नहीं थी। उन्हें दबाव की राजनीति में कन्‍वीनर पद से हटा दिया गया। उन्हें दुख नहीं होता अगर किसी अच्छी शखियत को पंजाब इकाई का प्रधान बनाया जाता। लेकिन पार्टी ने कई पदों का लाभ ले रहे और विवादों में घिरे नेता को प्रधान बनाकर गलत कदम उठाया है।

उन्‍होंने कहा कि उन्हें पार्टी के राजनीतिक मामले कमेटी में शामिल किए जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उनका लगाव पंजाब के साथ है इसलिए वह यहीं रहकर काम करना बेहतर समझते हैं। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए घुग्गी ने कहा कि पार्टी से नाराज चल रहे पटियाला से सांसद डा. धर्मवीर गांधी को मनाकर पंजाब प्रधान लगाया जाना चाहिए था। इसके अलावा सुखपाल सिंह खैहरा या एचएस फूलका भी इस पद के लिए फिट बैठते थे। उन्होंने पंजाब के पूर्व पार्टी कन्‍वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर को पार्टी से हटाए जाने को भी गलत बताया।

चुनाव आब्जर्वरों पर लगे पैसे हड़पने, महिलाओं के शोषण के आरोप

घुग्गी ने कहा कि चुनाव में दिल्ली से 54 चुनाव आब्जर्वरों को पंजाब भेजना पार्टी की सबसे बड़ी गलती थी। उनका विरोध भी हुआ और यहां तक की उन पर पैसे हड़पने व महिलाओं के शोषण के आरोप भी लगे। उन्‍होंने इसकी शिकायतें पार्टी हाइकमान से की। यही कारण है कि वह कई नेताओं की आंखों में खटक रहे थे।

उन्‍होंने स्पष्ट किया कि संजय सिंह के बारे में ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली थी। आब्जर्वरों को एक बार तो दिल्ली भेज दिया गया था लेकिन दोबारा फिर उन्हें पंजाब भेजा गया, जबकि पंजाब की लीडरशिप पार्टी को चलाने में सक्षम थी। इसी विरोध के चलते उन्हें कनवीनर पद से हटाया गया है।

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चंडीगढ़ के प्रेस क्‍लब में पत्रकारों से बात करते गुरप्रीत सिंह घुग्‍गी।

उन्‍होंने कहा,मैंने आम आदमी पार्टी की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है। जिन उद्देश्‍यों आैर आप की जिन नीतियों की वजह से इस पार्टी में शामिल हुआ था, अब वे नहीं रह गई हैं। उन्‍होंने कहा कि अभी किसी पार्टी में शामिल होने का फैसला नहीं किया है। इस बारे में समर्थकों से चर्चा कर कोई फैसला करेंगे।

कांग्रेस में जाने की चर्चा

घुग्गी के आप छोड़ने के बाद राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि प्रदेश के स्थानीय निकाय मंत्री  नवजोतसिंह सिद्धू के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। हालांकि उन्होंने किसी भी पार्टी में जाने से इनकार करते हुए कहा वह अगर कभी इस बारे में कोई फैसला लिया तो खुद ही इस बारे में सभी को बता देंगे। आप के 11 विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की किसी जानकारी से उन्होंने इन्‍कार किया। उधर, पार्टी नेता व पूर्व हाकी खिलाड़ी जगदीप सिंह गिल ने घुग्गी के इस फैसले का समर्थन किया।

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मान का विरोध करने वाले उपकार सिंह संधू को पार्टी से निकाला 

आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को पंजाब इकाई का प्रधान बनाए जाने का विरोध करने वाले उपकार सिंह संधू को पार्टी से निकाल दिया है। संधू को कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निकाला गया। उपकार सिंह संधू ने अमृतसर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी।

भगवंत मान कहा है कि संधू को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से पार्टी से निकाला गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संधू आप में शामिल होने से पहले शिरोमणि अकाली दल में थे।

 पार्टी से निकाले गए उपकार सिंह संधू।

गौरतलब है कि संधू ने कहा था कि पंजाब में भगवंत मान को अाप की कमान देने वाला हाइकमान का गलत और नासमझी वाला फैसला करना दुर्भाग्यपूर्ण है। केजरीवाल के इस फैसले का एक ही कारण है कि जनाधार वाला नेता आदमी पार्टी में पसंद नहीं है। हां में हां मिलाने वाले ही पसंद, फिर चाहे उसका लोगों में आधार हो या न हो।

कहा था, केजरी आप का नाम बदलकर पेग प्याला पार्टी रख दें

 उपकार सिंह संधू ने भगवंत मान को पंजाब आप का प्रधान बनाए जाने पर कहा था कि यह बात पच नहीं रही है। उन्‍होंने फेसबुक पर पोस्‍ट कर अरविंद केजरीवाल को सलाह दी कि अब वह एएपी यानि आप का नाम बदलकर पीपीपी यानी पैग प्याला पार्टी रख दें। फेसबुक पर संधू ने लिखा है, लोकसभा चुनाव में उन्हें मान के साथ स्टेज सांझा करने का मौका मिला, जहां मान साहिब शराब में पूरी तरह से टल्ली थे।

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