Chandigarh: हैकर्स पर लगेगी लगाम.... देश का साइबर सुरक्षा कवच बनेगा 'सेन कॉप्स'
चंडीगढ़ में देश का पहला साइबर सुरक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। अब बड़े-बड़े साइबर अपराधों को आसानी से सुलझाया जाएगा। यहां पर पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की साइबर मामलों से जुड़ी ट्रेनिंग भी शुरू होगी। ट्रेनिंग सेंट्रल रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। सेन कॉप्स में बनाई गई फोरेंसिक लैब से जल्द रिपोर्ट मिल सकेंगीं।
आदेश चौधरी, चंडीगढ़। आने वाले दिनों में देश की साइबर सुरक्षा में चंडीगढ़ की अहम भूमिका होगी। यहां हाल ही में स्थापित देश के पहले साइबर सुरक्षा केंद्र (सेन कॉप्स) में आवश्यक उपकरणों के इंस्टालेशन का काम अंतिम चरण में है। इसके बाद यहां पर बड़े साइबर अपराधों को सुलझाया जाएगा। यहां पर पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की साइबर मामलों से जुड़ी ट्रेनिंग भी शुरू होगी।
डीआरडीओ की ओर से दी जाएगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग सेंट्रल रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। सेन कॉप्स में बनाई गई फोरेंसिक लैब से जल्द रिपोर्ट मिल सकेंगीं। इसके अलावा बड़े स्तर पर डाटा का विश्लेषण किया जा सकेगा। यह सेंटर हैकरों से निपटने में भी मदद करेगा। सिस्टम में किसी की फोटो डालते ही उसकी पूरी जानकारी स्क्रीन पर होगी।
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डीआरडीओ ही केंद्र का करेगा संचालन
करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से बने इस साइबर सुरक्षा केंद्र को देश के सभी राज्यों से जोड़ा जाएगा। यहां सभी राज्यों के साइबर क्राइम से जुड़े बड़े और फारेंसिक जांच के मामलों को सुलझाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। शुरुआत में डीआरडीओ ही केंद्र का संचालन करेगा। इस सेंटर के बेहतर संचालन के लिए चंडीगढ़ पुलिस में 144 साइबर सिपाही भी भर्ती किए जा रहे हैं। इस तरह की देश में अपनेआप में यह पहली भर्ती है।
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उपकरणों के इंस्टालेशन का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। 15-20 दिन में यह पूरा हो जाएगा। सेन कॉप्स साइबर अपराधों को रोकने और उनको सुलझाने में अहम योगदान देगा। - राजकुमार सिंह, आइजी, चंडीगढ़ पुलिस