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हरियाणा और पंजाब तो यूं ही बदनाम, सबसे ज्यादा इस राज्य में जल रही पराली

Stubble Burning in india पंजाब और हरियाणा ने पिछले पांच वर्षों में पराली जलाने के मामलों पर काफी हद तक अंकुश लगाने का काम किया है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फसली अवशेष के जलाए जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस साल पराली जलाने में मध्य प्रदेश ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 26 Nov 2024 07:23 AM (IST)
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Stubble Burning in india पंजाब में कम हुए पराली जलाने के मामले।
सुधीर तंवर, जेएनएन, चंडीगढ़। Stubble Burning in india पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पर खूब हाय-तौबा मची है। विशेषकर पराली (धान के फसल अवशेष) में आग लगाने को लेकर पंजाब और हरियाणा खासे बदनाम हैं।

पंजाब और हरियाणा में हुआ सुधार

आंकड़े बताते हैं कि पंजाब और हरियाणा ने पिछले पांच वर्षों में पराली जलाने के मामलों पर काफी हद तक अंकुश लगाया है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फसली अवशेष के जलाए जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस साल पराली जलाने में मध्य प्रदेश ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

पंजाब में इस साल करीब 80 लाख, मध्य प्रदेश में 45 लाख और हरियाणा में 40 लाख एकड़ में धान लगाया गया है। मध्य प्रदेश में धान का रकबा पंजाब से 44 प्रतिशत कम होने के बावजूद करीब 30 प्रतिशत अधिक पराली जली है, जबकि हरियाणा की तुलना में यह 91 प्रतिशत ज्यादा है।

एमपी में सबसे ज्यादा मामले

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सेटेलाइट के माध्यम से ली गई रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में गत 15 सितंबर से 25 नवंबर तक 34 हजार 914 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 15 हजार 19 स्थानों पर पराली जलाई गई है, जबकि पंजाब में 10 हजार 749, उत्तर प्रदेश में 5103, राजस्थान में 2690, हरियाणा में 1341 और दिल्ली में 12 स्थानों पर फसल अवशेष जलाए गए हैं। पिछले 24 घंटों की बात करें तो पूरे उत्तर भारत में 1029 स्थानों पर पराली जलाई गई है।

इस दौरान मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 526 स्थानों पर किसानों ने पराली में आग लगाई, जबकि उत्तर प्रदेश में 379, पंजाब में 67, राजस्थान में 31 और हरियाणा में 26 स्थानों पर फसल अवशेष जलाए गए। इस साल पराली जलाने वाले शीर्ष 10 जिलों में से शीर्ष पांच मध्य प्रदेश के हैं। पिछले पांच वर्षों में पंजाब ने पराली जलाने के मामलों में जहां 87 प्रतिशत तक कमी लाने में सफलता पाई है, वहीं हरियाणा में यह दर 67 प्रतिशत है। राजस्थान में पराली जलाने की घटनाएं 38 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 24 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में आठ प्रतिशत बढ़ी हैं।

हरियाणा में कारगर हुए जागरूकता अभियान और सख्ती

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरियाणा में जागरूकता अभियान में तेजी और सख्ती कारगर रही है। हरियाणा में अभी तक 15 लाख 20 हजार एकड़ में पराली निस्तारण के लिए एक लाख 75 हजार 400 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। आठ लाख 46 हजार एकड़ में इन सीटू (खेत में पराली प्रबंधन) तथा छह लाख 75 हजार एकड़ में एक्स सीटू (खेत से अन्यत्र) पराली निस्तारण किया जाएगा। 14 उद्योगों ने किसानों से पराली मांगी है। प्रदेश में पंजीकृत सभी किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे। अब तक पराली जलाने वाले 550 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है, जबकि 689 किसानों के चालान हुए हैं।

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