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अटल के निधन से पंजाब में मातम, कैप्‍टन बोले- सबसे खास नेता थे, बादल ने बताया महान

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मातम है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने शोेक जताया है। पंजाब सरकार ने कल अवकाश घोषित किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 17 Aug 2018 10:06 AM (IST)
अटल के निधन से पंजाब में मातम, कैप्‍टन बोले- सबसे खास नेता थे, बादल ने बताया महान
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पंजाब में शोक छा गया है। भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताआें ने शोक जताया है। आम लोग भी काफी दुखी हैं। लाेगों की आंखों में आंसू हो हैं। वाजपेयी जी के देहावसान के कारण हरियाणा विधानससभा कल से शुरू होने वाला मॉनसून सत्र स्‍थगित कर दिया गया है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश‍ सिंह बादल और पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुखबीर सिंह बादल सहित कई विभिन्‍न दलों के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक जताया है। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को शाेकस्‍वरूप अवकाश की घोषणा की है।

पंजाब में शोक में शुक्रवार को अवकाश घोषित, नेताओं ने बताया जननायक

भाजपा, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने इसे देश और पार्टी के लिए अपूरणीय क्ष‍ति बताया है। नेताआें ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी किसी दल के नहीं पूरे देश के नेता थे।  देश के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और पूर्व डिप्‍टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि देश ने अद्भूत आैर करिश्‍माई नेता खो दिया। दोनोंं नेताआें ने कहा कि वाजपेयी जी ने देश की राजनीति को नई दिशा दी। उनका स्‍थान देश की राजनीति में हमेशा सर्वोच्‍च रहेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रकाश सिंह बादल। (फाइल फोटो)

भाजपा के प्रदेश प्रधान श्‍वेत मलिक सहित अन्‍य नेताआें ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शो‍क जताया है। उन्‍होंने कहा कि वाजपेयी जी भाजपा ही नहीं पूरे देश के नेता थे। देश के उनके योगदान को कभी भुला नहीं पाएंगे। इससे पहले वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने के बाद से ही सुबह से लोग दुखी और चिंति‍त थे। लोग सुबह से ही मंदिरों व धार्मिक स्‍थलों पर विशेष पूजा-अर्चना कर रहे थे। कई जगह हवन भी किए गए, लेकिन शाम में 5.05 बजे निधन होने की खबर मिलते ही मातम पसर गया। लोगों की आंखों से आंसू निकल गए। लुधियाना के सकटेश्‍वर मंदिर सहित राज्‍य के व‍िभिन्‍न धार्मिक स्‍थलों पर लोग अटल जी के स्‍वस्‍थ होने के लिए विशेष पूजा व अरदास कर रहे थे।

वाजपेयी जी दूरदर्शी नेता थे, दलगत राजनीति से परे : कैप्‍टन अम‍रिंदर

मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और अन्‍य कांग्रेस नेताओं ने वाजपेयी के निधन को देश, राजनीति और भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वाजपेयी जी बेहद खास नेता थे। वह सबसे ऊपर और दलाें से परे राजनेता थे। उन्हाेंने कहा कि वह एक सच्चे राष्ट्रवादी और दूरदर्शी नेता थे। उन्‍होंने  देश की राजनी‍ति को नई दिशा दी और विरोधी दल के नेता भी उनका सदैव सम्‍मान करते थे। वह  दलगत राजनीति से ऊपर के नेता थे।

कैप्टन ने कहा, वाजपेयी जी को प्रधानमंत्री के रूप में ग्रामीण सड़क योजना, सर्व शिक्षा अभियान, दूरसंचार क्रांति जैसे कार्यक्रमों के रूप में याद रखा जाएगा। वाजपेयी जी के साथ अपने निजी संबंधों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पार्टी सीमाओं से ऊपर उठकर बेहद सौहार्दपूर्ण संबंध रहे। उन्होंने भारतीय राजनीति और वैश्विक क्षेत्र में शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण के बंधन को मजबूत बनाने में एक अविश्वसनीय छाप छोड़ी है।

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रकाश सिंह बादल। (फाइल फोटो)

बादल बोले- आज फिर दिल उदास हो गया, दुख को शब्‍दों में बयां नहीं कर सकता

पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान की जानकारी मिली तो वह मर्माहत हो गए। उन्‍होंने कहा, आज फिर मन उदास हो गया। दो दिन के भीतर दो बड़ी दुखदायी सूचना मिली। पहले बलराम जी दास टंडन चले गए और अब अटल जी भी छोड़ गए। इसको दुख को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। हम साथ-साथ रहे। कदम मिला कर चले लेकिन वह छोड़ कर चले गए।

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उन्‍होंने कहा, 1975 में जब तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लगाई तो जेल में कई दिनों तक हम अटल जी के साथ दिल्ली की जेल में रहे। लालकृष्‍ण आडवाणी भी इसी जेल में थे। हमारे संबंध इससे भी पहले के थे। अधिक तो कुछ याद नहीं लेकिन हम लोग जेल में राजनीतिक व सामाजिक समस्याओं पर घंटों बातें करते थे। अटल जी के अंदर गजब का नेतृत्व क्षमता थी। वह हमेशा ही सबको साथ लेकर चलते थे।

बादल बोले, मैं न सिर्फ उनकी राजनीतिक कुशलता का कायल था बल्कि शब्द ज्ञान भी उनके पास काफी था। मुझे नहीं याद आज तक मैं कभी भी किसी भी समस्या या पंजाब के लिए कुछ भी मांगने के लिए उनके पास गया और खाली हाथ लौटा होऊं। अटल जी को जब मैने खालसा पंथ के 300वें स्थापना दिवस पर आने के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने एक क्षण में ही हां कर दिया। वह व्यक्तिगत रूप से समारोह को लेकर जानकारी लेते रहे। वह खुद भी श्री आनंदपुर साहिब आए।

बादल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व व राजनीतिक कुशलता के कायल केवल उनके साथी या दोस्त नहीं थे बल्कि उनके विरोधी भी थे। वह बोले, मैं तो कहूंगा वाजपेयी दुनिया के सबसे बड़े राजनेता थे तो भी शायद कम ही होगा। फख्र है कि मैंने ऐसे नेता के साथ काम किया। वाजपेयी जी बहुत महान थे।

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खन्ना, सांपला, कालिया ने जताया शोक

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला, पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, पूर्व राष्ट्रीय सचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल, पंजाब भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा व पंजाब भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव विनीत जोशी ने भी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनते ही परमाणु बम विस्फोट कर भारत को एक नई पहचान व प्रतिष्ठा दिलाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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