Haryana: SYL को लेकर पंजाब व हरियाणा की बैठक आज, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे अध्यक्षता
सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण मामले को लेकर वीरवार को चंडीगढ़ में एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बैठक होगी। यह बैठक केंद्र सरकार के आग्रह पर की जा रही है। बैठक चंडीगढ़ के ताज होटल में होगी जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण मामले को लेकर वीरवार को चंडीगढ़ में एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बैठक होगी। यह बैठक केंद्र सरकार के आग्रह पर की जा रही है। बैठक चंडीगढ़ के ताज होटल में होगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। केंद्र सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट में एसवाईएल को लेकर करवाए जाने वाले सर्वे पर जनवरी 2024 में होने वाली सुनवाई पर जवाब देना है।
काबिले गौर है कि चार अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर निर्माण मामले में पंजाब द्वारा अपने हिस्से का निर्माण न कराए जाने पर नाराजगी जताते हुए पंजाब से कहा था कि आप इसका समाधान निकालें अन्यथा कोर्ट को कुछ करना होगा। कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी कहा है कि वह पंजाब के हिस्से में आने वाली परियोजना के लिए आवंटित जमीन का सर्वे करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि संरक्षित है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि वह हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर चल रहे विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया को सक्रिय ढंग से आगे बढ़ाए।
जनवरी में फिर होगी सुनवाई
कोर्ट इस मामले में जनवरी में फिर सुनवाई करेगा। हालांकि सर्वे को लेकर अभी तक कोई भी केंद्रीय टीम पंजाब नहीं आई है, क्योंकि पंजाब की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों ने साफ कर दिया है कि अगर कमेटी आएगी तो उसका विरोध किया जाएगा। पिछले दिनों केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मोहाली में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा था कि दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की बैठक करवाकर कोई हल निकालने की कोशिश की जाएगी अगर यह हल नहीं निकलता तो सुप्रीम कोर्ट पर ही मामले को छोड़ा जाएगा।पानी को देने के लिए एसवाईएल का निर्माण जरूरी
काबिले गौर है कि दोनों राज्यों के बीच यह मुद्दा कई दशकों से लटका हुआ है। जहां पंजाब का कहना है कि उसके पास पड़ोसी राज्यों को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा का कहना है कि उसके हिस्से में आए पानी को देने के लिए एसवाईएल का निर्माण जरूरी है। आपसी सहमति बनाने के लिए इससे पहले भी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक जनवरी 2023 में भी हो चुकी है, जिसमें कोई सहमति नहीं बन सकी थी। अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले केंद्र सरकार सहमति के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक करवाने जा रही है।
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