मानसून सत्र के पहले दिन जमकर हुआ हंगामा, विपक्ष ने उठाया PPP और BPL कार्ड का मुद्दा; विज-हुड्डा के बीच बहस
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र की शुक्रवार को शुरुआत हो गई। पहले दिन की कार्यवाही में विपक्ष ने जमकर हंगामा। विपक्ष ने बेरोजगारी बाढ़ और परिवार पहचान पत्र का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज के बीच जमकर बहस हुई। दूसरी ओर अभय चौटाला ने डिप्टी सीएम और अपने भतीजे दुष्यंत चौटाला पर जमकर हमला बोला।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryana Monsoon Session हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भाजपा और कांग्रेस में 'चंद्रयान-3' की चांद पर लैंडिंग का श्रेय लेने की होड़ रही तो 12 जिलों में बाढ़ से नुकसान और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को लेकर माहौल गर्माया रहा।
वहीं, बाढ़ पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भतीजे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, चाचा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के साथ तीखी बहस के बाद इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला वॉकआउट कर गए। नूंह हिंसा पर सदन में पहले दिन उम्मीद के मुताबिक अपेक्षित चर्चा नहीं हुई।
शुक्रवार सुबह शोक प्रस्ताव पढ़े जाने के तुरंत बाद माहौल गर्मा गया जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 'चंद्रयान-3' की सफल लैंडिंग होने पर सदन में विशेष प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव का विपक्ष ने भी समर्थन करते हुए मिशन की सफलता के लिए बधाई दी और खड़े होकर तालियां बजाईं।
इस बात शुरू हुई बहस
पेंच तब फंसा जब विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सफलता कोई दो-चार वर्षों के प्रयासों से नहीं, बल्कि पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी सहित सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में विज्ञान को दिए गए प्रोत्साहन से मिली है। इस पर बीच में कूदे गृह मंत्री अनिल विज ने हुड्डा के मुंह से सफलता का क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिलाने का दबाव बनाया तो बहस छिड़ गई।
नौबत यहां तक पहुंची कि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा बार-बार उन्हें बैठने के लिए कहने से क्षुब्ध अनिल विज सदन से बाहर चले गए। करीब एक घंटे बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद ही विज सदन में लौटे।
वहीं, पीपीपी और पोर्टल को लेकर हमलावर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि जो कुछ खामियां हैं, उन्हें दूर जरूर किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार को फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के मुद्दे पर भी लपेटा।
दुष्यंत से बोले अभय, 'झूठ बोलना पाप'
बाढ़ से हुए नुकसान पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर करीब ढाई घंटे चर्चा चली। इस दौरान अभय चौटाला पहले अपने चाचा और बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला से उलझे तो फिर बाद में भतीजे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के जवाब से असंतुष्ट होकर गंभीर आरोप भी लगाए।
अभय ने कहा कि सदन में डिप्टी सीएम गलत जानकारी दे रहे हैं। झूठी जानकारी सदन में देना पाप है। इस दौरान उनकी विधानसभा अध्यक्ष से भी तीखी बहस हुई। वहीं, शराब घोटाले में दुष्यंत चौटाला द्वारा अभय चौटाला के विरुद्ध लाए गए विशेषाधिकार हनन के मामले में जांच कर रही कमेटी ने रिपोर्ट सौंपने के लिए और समय मांगा है। इस पर सदन ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी।