Haryana Political Crisis: अब मनोहर लाल का क्या होगा भविष्य? राजनीतिक हलकों में लगाए जा रहे कई कयास
हरियाणा के निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अचानक इस्तीफा देने और निवर्तमान गृह मंत्री अनिल विज को नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में सिर्फ एक ही सवाल पर चर्चा हो रही है अब मनोहर लाल और अनिल विज का क्या होगा? मनोहर लाल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में अपनी सेवाएं देंगे?
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अचानक इस्तीफा देने और निवर्तमान गृह मंत्री अनिल विज को नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में सिर्फ एक ही सवाल पर चर्चा हो रही है, अब मनोहर लाल और अनिल विज का क्या होगा? मनोहर लाल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में अपनी सेवाएं देंगे?
क्या मनोहर लाल को मोदी सरकार में मिल सकती है जगह?
लोकसभा चुनाव लड़कर जीते तो क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं? या फिर किसी राज्य में राज्यपाल की भूमिका में होंगे। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस सभी सवालों के जवाब बड़े ही सकारात्मक अंदाज में दिए जा रहे हैं। राज्य में साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल ने जिस तरह प्रदेश की सेवा की और एक समान विकास कार्यों पर जोर दिया, उससे उनकी छवि साफ-सुथरे और दाग रहित नेता के रूप में उभरकर सामने आई है।
मनोहर लाल की भाजपा में पहले क्या थी जगह?
मनोहर लाल मुख्यमंत्री बनने से पहले भाजपा संगठन के व्यक्ति थे। भाजपा संगठन में आने से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। कई राज्यों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मनोहर लाल ने काम किया। दोनों एक दूसरे के सेवा भाव, संगठन के प्रति समर्पण और जन कल्याण के प्रति हमेशा अग्रसर रहने की प्रवृत्ति को जानते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस भी राज्य में जा रहे हैं, वहीं एनडीए की 400 पार सीटों की बात कर रहे हैं। भाजपा की 370 से अधिक सीटें आने का भरोसा तो उन्हें है ही। मोदी की कोशिश अधिक से अधिक सीटें जीतने की है। इसलिए उनके लिए लोकससभा की एक-एक सीट काफी अहमियत रखती है।मनोहर लाल को लेकर लगाए जा रहे कई कयास
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल को करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा सकते हैं। ऐसी ही चर्चा अनिल विज के बारे में हैं, लेकिन अंबाला चूंकि आरक्षित लोकसभा सीट है तो ऐसे में उन्हें किसी दूसरी लोकसभा सीट पर भेजा जा सकता है। जातीय समीकरणों के हिसाब से मनोहर लाल और अनिल विज दोनों पंजाबी हैं। ऐसे में भाजपा किसके नाम पर दांव खेलती है, यह देखने वाली बात होगी।
मनोहर लाल को चूंकि संगठन का बहुत अधिक अनुभव है और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हरियाणा के प्रदेश संगठन महामंत्री भी रह चुके हैं तो ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मनोहर लाल को दोबारा संगठन में शामिल कर केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। किसी राज्य के राज्यपाल के रूप में भी मनोहर लाल की सेवाएं ली जा सकती हैं, लेकिन उनकी उम्र अभी काफी कम है। मनोहर लाल 68 साल के हैं। ऐसे में उनकी उम्र को राज्यपाल के पद के करीब अभी नहीं माना जा सकता है, जिस कारण मनोहर लाल को लोकसभा चुनाव लड़ाने के साथ ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में जगह देने की संभावनाओं से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता।
निवर्तमान गृह मंत्री अनिल विज ने भी मनोहर लाल की तरह भाजपा को अपना पूरा जीवन दिया है। इसके बदले में भाजपा ने भी अनिल विज को बहुत कुछ दिया। विज को गुस्सा जल्दी आता है, लेकिन तभी आता है, जब उन्हें कोई बात अच्छी न लगे। पार्टी उनके नेतृत्व की क्षमता से भी अच्छी तरह वाकिफ है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और उसके तुरंत बाद विधानसभा चुनाव होना है तो ऐसे में अनिल विज की सेवाएं भी संगठन में ली जाने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
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