Chandigarh Mayor Election को लेकर HC ने प्रशासन को लगाई फटकार, कहा- 'चुनाव में 18 दिन की देरी नहीं स्वीकार'; 23 को होगी सुनवाई
Chandigarh Mayor Election पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। हाई कोर्ट ने साफतौर पर कह दिया कि मेयर चुनाव के लिए छह फरवरी की तारीख कोर्ट को स्वीकार नहीं है इसलिए प्रशासन अगली सुनवाई पर 26 जनवरी से पहले की कोई तारीख लेकर आए जिस पर मेयर चुनाव हो सके। मामले पर सुनवाई 23 जनवरी को होनी है।
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में प्रशासन द्वारा अपनाए गए रवैये पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। हाई कोर्ट ने साफतौर पर कह दिया कि मेयर चुनाव के लिए छह फरवरी की तारीख कोर्ट को स्वीकार नहीं है, इसलिए प्रशासन अगली सुनवाई पर 26 जनवरी से पहले की कोई तारीख लेकर आए, जिस पर मेयर चुनाव हो सके। मामले पर सुनवाई 23 जनवरी को होनी है।
प्रशासन को लगाई फटकार
हाई कोर्ट ने मेयर चुनाव छह फरवरी तक टालने के डीसी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। याचिका दाखिल करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस गठबंधन के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने डीसी के उस आदेश को रद करने की मांग की थी, जिसके तहत चुनाव के लिए नई तारीख छह फरवरी तय की गई है।
डीजीपी की नाकामी- हाईकोर्ट
याची की दलील थी कि एक बार डीसी ने चुनाव कार्यक्रम तय कर दिया तो उसके बाद उसे इसमें संशोधन का अधिकार नहीं है। इस मुद्दे पर शनिवार करीब एक घंटे तक बहस चली और इस दौरान प्रशासन ने कहा कि कानून-व्यवस्था की समस्या के चलते 18 जनवरी को चुनाव नहीं करवाए जा सके थे। हाई कोर्ट ने इस पर प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो यह डीजीपी की नाकामी है। इस पर प्रशासन की ओर से कहा गया कि आगामी दिनों में संवेदनशील कार्यक्रमों को देखते हुए चुनाव के लिए छह फरवरी तारीख तय की गई है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते नहीं करवाया जा सकता चुनाव
सोमवार को अयोध्या में श्री राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। इसके कारण शहर में चुनाव नहीं करवाया जा सकता। इसके बाद 26 जनवरी के कार्यक्रम के चलते भी चुनाव तब तक संभव नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था की दलील देते हुए चुनाव टालने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यह तो केवल मेयर चुनाव है और इसमें कानून-व्यवस्था की दलील दी जा रही है तो आम चुनाव कैसे संपन्न करवाएंगे। यदि अगली सुनवाई पर कानून-व्यवस्था की दलील प्रशासन की ओर से दी गई तो हम प्रशासन को अयोग्य करार दे देंगे, जो दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
हाई कोर्ट की दो टूकहाई कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगली सुनवाई पर कोई फर्जी दलील स्वीकार नहीं की जाएगी और यदि आपके अधिकारी चुनाव करवाने के लिए तैयार नहीं होंगे तो अदालत को इसके लिए आदेश जारी करना पड़ेगा। ऐसे में हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।