Punjab News: ऑनलाइन फ्रॉड केस की ढीली जांच पर पुलिस से खफा HC, अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट न दी तो लगेगा जुर्माना
Punjab News पंजाब में ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में पुलिस ढीली जांच कर रही है। इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक अगर स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई तो एक लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। ऑनलाइन धोखाधड़ी से आरोपी करोड़ों का चूना लगा चुके हैं। इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त माह में होगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले की जांच करने में देरी पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इसके बावजूद जांच करने की इच्छा न दिखाने के लिए फटकार लगाते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक बार फिर जांच में देरी पर अपने जीरो टॉलरेंस के रुख पर जोर दिया है। साथ ही कोर्ट ने मामले में कोई प्रगति न होने पर जांच एजेंसी को अतिरिक्त जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।
कपूरथला निवासी की सुनवाई पर कोर्ट के आदेश
कपूरथला निवासी पुनीत गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस हरकेश मनुजा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि 29 अप्रैल के आदेश के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बावजूद, जांच एजेंसी के इरादे में कोई बदलाव नहीं आया है। अगर 2021 से संबंधित एफआईआर की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो जांच एजेंसी पर एक लाख रुपये का और जुर्माना लगाया जाएगा।स्टेटस रिपोर्ट पर उठे सवाल
जस्टिस मनुजा ने मोबाइल कंपनी को नोटिस जारी किए जाने से पहले मामले में दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी करने जैसे अन्य कदम नहीं उठाए गए, जो जांच की धीमी गति को दर्शाता है। धारा 160 के तहत नोटिस पुलिस को गवाहों की उपस्थिति की आवश्यकता के लिए अधिकार देता है।
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2021 में दर्ज कराया गया था मामला
जस्टिस मनुजा की पीठ ने सुनवाई की पिछली तारीख कहा था कि रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि मामला 12 नवंबर, 2021 को दर्ज किया गया था। लगभग ढाई साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है और अंतिम रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है। जस्टिस मनुजा ने कहा था कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार को पुलिस द्वारा लंबे समय तक निष्क्रियता को सहने के बाद कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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