हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के सीजेएम को दिया आदेश- खनौरी बॉर्डर पर घायल हुए प्रीतपाल सिंह के बयान दर्ज करें
खनौरी बॉर्डर से युवा किसान प्रीतपाल सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तार करने तय समय में मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश न करने और उचित इलाज मुहैया न करवाने का आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के सीजेएम (चीफ ज्यूडिसल मैजिस्ट्रेट) को आदेश दे दिए हैं कि वे पीजीआई जाकर प्रीतपाल सिंह के बयान दर्ज करें।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। खनौरी बॉर्डर से युवा किसान प्रीतपाल सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तार करने, तय समय में मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश न करने और उचित इलाज मुहैया न करवाने का आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के सीजेएम (चीफ ज्यूडिसल मैजिस्ट्रेट) को आदेश दे दिए हैं कि वे पीजीआई जाकर प्रीतपाल सिंह के बयान दर्ज करें।
हाई कोर्ट ने यह भी साफ किया की बयान दर्ज करने के दौरान एक डॉक्टर की मौजूदगी जरूरी होगी और साथ में हरियाणा पुलिस के एक एसीपी भी मौजूद रहेंगे।
प्रीतपाल को 15 मार्च को हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा
सुनवाई के दौरान प्रीतपाल के पिता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया की प्रीतपाल सिंह इस समय बयान दर्ज करवाने में सक्षम है, जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया।हाई कोर्ट ने प्रीतपाल के बयान दर्ज कर 15 मार्च को हाई कोर्ट में पेश किया जाने के भी आदेश दिए हैं। प्रीतपाल सिंह के पिता संगरूर निवासी दविंदर सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए हाई कोर्ट को बताया कि उनका बेटा किसानों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा था।
हरियाणा पुलिस ने 21 फरवरी को दोपहर दो बजे खनौरी बॉर्डर से पंजाब के क्षेत्र में प्रवेश करके उसे घायल कर दिया था। घायल होने के बाद उसे पुलिस ने अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया और फिलहाल वह रोहतक के पीजीआई में है।
याची के बेटे को गिरफ्तार किए 48 घंटे बीत गए हैं, लेकिन उसे तय नियमो के अनुसार किसी मैजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया। याची ने बेटे को चंडीगढ़ के पीजीआई या पटियाला के राजिंद्रा हस्पताल में शिफ्ट करने का निर्देश जारी करने की अपील की थी।
पहली सुनवाई पर हरियाणा सरकार की ओर से जवाब दाखिल करते हुए बताया था गया कि बैरिकेडिंग हरियाणा की सीमा में पंजाब की सीमा से 599 मीटर पहले की गई है। ऐसे में प्रदर्शनकारी हरियाणा के क्षेत्राधिकार में मौजूद थे।21 फरवरी को आंदोलनकारियों ने पुलिस पर हमला किया और झड़प में कई पुलिसवाले घायल हो गए थे। उस दौरान पुलिस बल को प्रीतपाल खेतों में घायल मिला था और उसे इलाज के लिए नरवाना के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
बाद में उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। बाद में उसे पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया था। सरकार ने कहा था कि प्रीतपाल पर न तो कोई एफआईआर है और न ही पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया है।यह भी पढ़ें -Ludhiana News: ग्रामीण विकास की राह रोशन कर रहीं नवदीप, सूखे कूड़े को बेचकर बनाया आमदनी का जरिया
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