क्या चली जाएगी अमृतपाल की सांसदी? खडूर साहिब निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस भेज मांगा जवाब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह को नोटिस भेजा है। दरअसल इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विक्रम सिंह ने याचिका दायर कर अमृतपाल पर कई तरह के आरोप लगाते हुए उसके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अमृतपाल को नोटिस भेज जवाब मांगा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खडूर साहिब लोकसभा सीट के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अमृतपाल सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने यह आदेश खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विक्रमजीत सिंह की याचिका पर जारी किया है। पिछली सुनवाई पर विक्रमजीत ने इस मामले में खडूर साहिब लोकसभा से चुनाव लड़ने वाले सभी 24 उम्मीदवारों को पक्ष बनाया था।
अमृतपाल का निर्वाचन रद्द करने की मांग
अमृतपाल सिंह इस समय एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद है, इसलिए हाईकोर्ट ने डिब्रूगढ़ जेल में नोटिस सर्व किए जाने के आदेश दिए हैं। विक्रम सिंह ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि उसने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसी सीट से अमृतपाल भी प्रत्याशी था।यह भी पढ़ें- अमृतपाल के चाचा-जीजा समेत कई समर्थकों पर NIA की गाज, तीन गांवों में छापेमारी, खालिस्तान से जुड़ा है मामला
अमृतपाल सिंह का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि उसने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई है। इसके साथ ही उसने चुनाव पर आए खर्च का भी पूरा ब्योरा नहीं दिया है। चुनाव प्रचार के लिए रोजाना होने वाली बैठकों, वाहनों और चुनावी सामग्री का भी उसने कोई ब्योरा नहीं दिया है।
अमृतपाल सिंह का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि उसने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई है। इसके साथ ही उसने चुनाव पर आए खर्च का भी पूरा ब्योरा नहीं दिया है। चुनाव प्रचार के लिए रोजाना होने वाली बैठकों, वाहनों और चुनावी सामग्री का भी उसने कोई ब्योरा नहीं दिया है।
चुनाव प्रचार में धार्मिक स्थल प्रयोग का लगा आरोप
प्रचार के लिए जो राशि खर्च की गई है, वह कहां से आई यह भी नहीं बताया गया है। इसके साथ ही उसने चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थल का भी प्रयोग किया है, जो गलत है।
सोशल मीडिया पर जो प्रचार किया गया है, उसका भी कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। ऐसे कई आरोप लगाते हुए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अमृतपाल का निर्वाचन रद्द करने का निर्देश जारी करने की हाईकोर्ट से अपील की गई है।यह भी पढ़ें- खुशखबरी! पंजाब के 15 लाख बुजुर्गों को केंद्र सरकार का तोहफा, 5 लाख तक का मिलेगा मुफ्त इलाज
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