गृह मंत्रालय ने दूसरी बार जिम्मेदार अधिकारियों को लगाई फटकार, आरोपित अफसरों पर कार्रवाई न करने को लेकर जताई नाराजगी
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में एक बार फिर से गृह मंत्रालय ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न करने को लेकर नाराजगी जताई है। नौ महीनों के भीतर यह लगातार दूसरी बार है जब गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े हुए गंभीर मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 08:06 PM (IST)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में एक बार फिर से गृह मंत्रालय ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न करने को लेकर नाराजगी जताई है। नौ महीनों के भीतर यह लगातार दूसरी बार है जब गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े हुए गंभीर मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। हालांकि गृह मंत्रालय के इस पत्र के बाद ही पंजाब के गृह विभाग ने एक एसपी, दो डीएसपी, तीन इंस्पेक्टर और एक एएसआई को निलंबित कर दिया था।
निलंबित अधिकारियों को मेजर पेनेलटी की सिफारिश की गई
निलंबित किए गए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों पर मेजर पेनल्टी लगाने की सिफारिश की गई है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया उनमें एसपी गुरविंदर सिंह, डीएसपी प्रसोन सिंह, डीएसपी जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह, इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह, इंस्पेक्टर जसवंत सिंह, एएआइ राकेश कुमार शामिल है। गुरविंदर सिंह प्रधानमंत्री के दौरे के समय एसपी आप्रेशन फिरोजपुर थे।
पीएम सुरक्षा मामले सुप्रीम कोर्ट की जज इंदु मल्होत्रा की रिपोर्ट के बाद लगभग डेढ़ साल बाद यह बड़ी कार्रवाई हुई है। निलंबित किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों को मेजर पेनेलटी की सिफारिश की गई है, लेकिन गृह मंत्रालय की नाराजगी बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई न होने को लेकर है जिसमें तब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय व अन्य आईपीएस अधिकारी हैं।
5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक
5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई जस्टिस इंदु मल्होत्रा कमेटी की रिपोर्ट 25 अगस्त 2022 को सौंपी गई थी जस्टिस इंदु मल्होत्रा की कमेटी ने तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय , तब के डीआईजी इंद्रबीर सिंह और तब के एसएसपी फिरोजपुर हरमनदीप सिंह को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के लिए प्रमुख तौर पर जिम्मेदार माना था।
अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी
इन तीन अधिकारियों के अलावा कुछ अन्य अधिकारियों को भी सुरक्षा में खामी का जिम्मेदार ठहराया गया है। इनमें तब के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नरेश अरोड़ा, तब के साइबर क्राइम विभाग के एडीजीपी जी नागेश्वर राव, मुखविंदर सिंह छीना , तब के आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राकेश अग्रवाल और तब के डीआईजी सुरजीत सिंह और तब के एसएसपी मोगा चरणजीत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन मार्च 2023 तक सरकार ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सरकार को एक पत्र लिखकर पूछा कि दोषियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।हालांकि उस समय आए पत्र के बाद सरकार ने सभी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी करके नोटिस जारी किए और चार्जशीट भी जारी की। लेकिन जब आठ महीने और बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई तो गृह मंत्रालय ने एक और सख्त शब्दों वाला पत्र सरकार को भेजा है और पूछा है कि अगर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है तो क्या मंत्रालय उनके खिलाफ कार्रवाई करे।
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