Immigration Fraud: कनाडा जाने की चाह में हरियाणा के व्यक्ति ने गंवा दिए 19 लाख, चंडीगढ़ में केस दर्ज
Immigration Fraud लोग विदेश जाकर सैटल होने के सपने देखते हैं और अपने सपने को पूरा करने के चक्कर में हजारों ने बल्कि लाखों रुपये का नुकसान करा लेते हैं। क्योंकि ये लोग जाली इमीग्रेशन कंपनियों के झांसे में फंस जाते हैं।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 09:57 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Immigration Fraud: लोग विदेश जाकर सैटल होने के सपने देखते हैं और अपने सपने को पूरा करने के चक्कर में हजारों ने बल्कि लाखों रुपये का नुकसान करा लेते हैं। क्योंकि ये लोग जाली इमीग्रेशन कंपनियों के झांसे में फंस जाते हैं। ऐसे कई मामले पुलिस के पास पहुंचते हैं। वहीं एक ताजा मामला कुछ ऐसा ही है। जहां हरियाणा के एक व्यक्ति ने कनाडा में सेटल होने की चाह में 19 लाख रुपये गंवा दिए।
कनाडा में वर्क परमिट वीजा के आधार पर परिवार के साथ सेटल होने की चाहत में एक व्यक्ति से 19 लाख 65 हजार गंवा दिए। व्यक्ति ने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित इमीग्रेशन कंपनी 19.60 लाख रुपये दिए थे। कुछ दिन बाद पीड़ित वीजा लेने कंपनी के दफ्तर पहुंचा तो उसकी आंखे फटी की फटी रह गई। क्योंकि वह कंपनी ही वहां से गायब हो गई थी। कंपनी के दफ्तर के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी।
यह इमीग्रेशन फ्राड हरियाणा के कैथल निवासी सुरिंदर सिंह के साथ हुई है। पुलिस पीड़ित सुरिंदर सिंह की शिकायत पर सेक्टर-34ए स्थित इमीग्रेशन कंपनी के कथित डायरेक्टर विकास और कमल समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर जांच में लगी है।
शिकायतकर्ता सुरिंदर सिंह ने बताया कि छह जून को 2022 को सोशल मीडिया पर वर्क परमिट वीजा के माध्यम से कनाडा भेजने का एक विज्ञापन पढ़कर उक्त कंपनी से संपर्क किया था। कंपनी के दो लोगों ने बातचीत कर 19 लाख रुपये में सौदा तय होने की बात कही। उन्होंने अपना नाम विकास और कमल बताया था। पहले तो दोनों ने वीजा के लिए इंकार कर दिया था, लेकिन 18 जून को दोबारा दोनों ने सुरिंदर को काल कर कहा कि कनाडा के वीजा पर अच्छे आफर आए हैं। इसी तरह उन्होंने उसे लुभावनी बातों में फंसाकर हामी भरवा ली।
चार जुलाई को काल करने पर शिकायतकर्ता ने पत्नी कविता के डाक्यूमेंट्स कंपनी के डायरेक्टर को वाट्सएप पर भेज दिए। 22 अगस्त को आरोपितों ने काल किया कि पैसे का इंतजाम कर लें, आपका वीजा आने वाला है। आरोपितों के बुलाने पर पांच सितंबर को सेक्टर-34ए स्थित दफ्तर में जाकर 17 लाख 50 हजार रुपये विकास और कमल को जमा करवाए। इस तरह आरोपितों ने बाद में फीस के नाम पर डेढ़ लाख रुपये भी जमा करवा लिए थे, लेकिन तय समय पर न वीजा मिला और न आरोपितों ने पैसे लौटाए। संपर्क करने पर उनके मोबाइल भी बंद आने लगे। जब सुरिंदर सेक्टर-34 स्थित कंपनी के दफ्तर पहुंचा तो वहां मेनगेट पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद सुरिंदर ने पुलिस में शिकायत दी।
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