Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

India Canada Row: कनाडा-भारत तनाव से बढ़ी अभिभावकों की टेंशन, बच्चे बोले- प्लीज हमें...

India Canada Row मोहाली की किरण बाला पिछले तीन दिन से कनाडा में रह रहे अपने बेटे अक्षय को हर चार-पांच घंटे बाद फोन वाट्सएप आदि से संपर्क कर हालचाल ले रही हैं। उसे कनाडा और भारत के बीच तनाव की खबरों के बारे में बता रही हैं। अक्षय उन्हें बार-बार परेशान न होने को कह रहा है। वह आश्वस्त कर चुका है कि यहां कोई ऐसी दिक्कत नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 07:00 AM (IST)
Hero Image
India Canada Row: कनाडा-भारत के बीच तनाव से बढ़ी अभिभावकों की टेंशन तो बच्चे बोले- यहां कोई ऐसी दिक्कत नहीं

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। मोहाली की किरण बाला पिछले तीन दिन से कनाडा में रह रहे अपने बेटे अक्षय को हर चार-पांच घंटे बाद फोन, वाट्सएप आदि से संपर्क कर हालचाल ले रही हैं। उसे कनाडा और भारत के बीच तनाव की खबरों के बारे में बता रही हैं।

उनको लग रहा है कि बेटा तो पढ़ाई में और काम में व्यस्त है, इसलिए उसे खबरें सुनने का मौका नहीं मिल रहा होगा, इसलिए उसे नई स्थितियों के बारे में बताया जाए, पर अक्षय उन्हें बार-बार परेशान न होने को कह रहा है। वह उन्हें आश्वस्त कर चुका है कि यहां कोई ऐसी दिक्कत नहीं है। यह चिंता किरण बाला, सत्येद्र शर्मा या नीरज शर्मा की ही नहीं, बल्कि उस हर मां-बाप की है, जिनके बच्चे कनाडा में पढ़ रहे हैं।

India Canada Row: 15 लाख पंजाबी कनाडा के नागरिक परेशान, रिश्तेदार रोज कर रहे फोन; लेकिन...

पंजाब में देखा है आतंकवाद का काला दौर

दरअसल, ये लोग पंजाब में आतंकवाद का काला दौर देख चुके हैं और उसके दुष्परिणाम भी भुगत चुके हैं। समस्या यह है कि बच्चे माता-पिता की चिंता को बेवजह मान रहे हैं। जानकार बताते हैं कि यह अनायास नहीं है। कनाडा में पढ़ने गए ज्यादातर बच्चे 1997 के बाद पैदा हुए हैं।

उन्होंने पंजाब में आतंकवाद का दौर नहीं भुगता है, इसलिए वे इसके दर्द से अनजान हैं। वहां पढ़ने के बच्चों को एक दूसरी समस्या से जूझना पड़ रहा है। बताते हैं कि कई महीनों से कनाडा में मंदी का दौर है। पंजाब से पढ़ने गए बच्चों को काम नहीं मिल रहा है।

अगर मिल रहा है तो कम वेतन मिल रहा है, जिस कारण वह रोजमर्रा के खर्चे न निकाल पाने के कारण तनाव में हैं। सत्येद्र शर्मा का कहना है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों ने चिंता बढ़ा दी है। वह बेटे को वापस बुलाने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन शैक्षिक सत्र के बीच बुलाना मुश्किल लग रहा है। उसने भेजने पर काफी पैसा खर्च हो चुका है।