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IndiGo Airlines के स्टाफ ने की बदसलूकी, बुजुर्ग दंपती को नहीं दी व्हीलचेयर; अब चुकाने होंगे एक लाख रुपए

IndiGo Airlines के लिए एक बुजुर्ग दंपती को व्हीलचेयर न देना काफी महंगा पड़ गया। दरअसल चंडीगढ़ से बेंगलुरु सफर कर रहे 70 वर्षीय सुनील जंद और उनकी पत्नी 67 वर्षीय वीणा कुमारी घुटने का ऑपरेशन करवाने के लिए बेंगलुरु जा रहे थे। दंपती का आरोप है कि एयरपोर्ट पर उनके साथ इंडिगो एयरलाइन स्टाफ ने बदसलूकी भी की। साथ ही व्हीलचेयर तक नहीं दी गई।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Thu, 07 Nov 2024 12:37 PM (IST)
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चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बुजुर्ग दंपती को नहीं दी व्हीलचेयर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
रवि अटवाल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ से बेंगलुरु सफर कर रहे 70 वर्षीय सुनील जंद और उनकी पत्नी 67 वर्षीय वीणा कुमारी को एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर न देने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने इंडियो एयरलाइंस पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है।

सेक्टर-46 के रहने वाले सुनील चंद और उनकी पत्नी ने 11 अक्टूबर 2023 को इंडिगो एयरलाइंस से सफर किया। उनकी टिकट बुकिंग में दो व्हीलचेयर भी शामिल थीं, लेकिन जब वे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें काफी देर तक व्हीलचेयर का इंतजार करना पड़ा।

एयरलाइन स्टाफ ने भी उनके साथ बदसलूकी की। बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचने पर भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार हुआ। इसलिए उन्होंने एयरलाइन के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत दी। आयोग ने उनकी शिकायत पर एयरलाइन को सेवा में लापरवाही का दोषी माना और बुजुर्ग दंपती को 50-50 हजार रुपये हर्जाना दिए जाने का फैसला सुनाया।

घुटने का ऑपरेशन करवाने जाना था बेंगलुरु

सुनील जंद ने शिकायत में बताया कि उन्हें बेंगलुरु में अपने दोनों घुटनों का आपरेशन करवाना था। पत्नी की पहले ही घुटनों की सर्जरी हुई थी। उन्होंने टिकट में दो व्हीलचेयर की भी बुकिंग करवाई थी। फ्लाइट को चंडीगढ़ से शाम 4.45 बजे उड़ान भरना था।

जब वे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें व्हीलचेयर ही नहीं दी गई। उन्होंने स्टाफ से पूछा तो जवाब मिला कि वे इंडिगो विंडो पर जाकर बात करें। करीब 40 फीट दूरी पर इंडिगो की विंडो थी और वे बड़ी मुश्किल से वहां तक पहुंचे।

फिर उन्हें व्हीलचेयर से बिजनेस लाउंज तक छोड़ दिया गया क्योंकि अभी फ्लाइट रवाना होने में एक घंटा बचा था। उन्हें स्टाफ ने लाउंज में छोड़ तो दिया लेकिन बोर्डिंग के वक्त उन्हें कोई लेने नहीं पहुंचा। फ्लाइट रवाना होने से 10 मिनट पहले उन्हें व्हीलचेयर से विमान तक पहुंचाया गया। इस दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार हुआ। वहां भी उन्हें व्हीलचेयर के लिए इंतजार करना पड़ा।

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बुजुर्ग दंपती की परेशानियों की कीमत दो हजार रुपये

सुनील जंद ने शिकायत में उन्होंने स्टाफ के इस व्यवहार के खिलाफ शिकायत कर दी। हद तो तब हो गई जब एयरलाइन के मैनेजर जफर नकवी ने उनसे माफी मांगते हुए उन्हें दो हजार रुपये का वाउचर देने की कोशिश की। इसलिए उन्होंने एयरलाइन के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में केस दायर कर दिया।

आयोग ने उनकी शिकायत को ठहराते हुए कहा कि एयरलाइन की जिम्मेदारी बनती है कि बुजुर्ग और बीमार यात्रियों का ख्याल रखें। इसलिए आयोग ने एयरलाइन को दोनों यात्रियों को 50-50 हजार रुपये बतौर मुआवजा देने का फैसला सुनाया।

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