महिला क्रिकेट कप्तान हरमनप्रीत की डिग्री का मामला रेलवे तक पहुंचा, जांच में तेजी
भारतीय महिला टी 20 किकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट का मामला रेलवे में पहुंच गया है। इसे नकली बताया जा रहा है। हरमनप्रीत पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 09:11 PM (IST)
जेएनएन, मोहाली। भारतीय महिला टी 20 क्रिकेट टीम की कप्तान व पंजाब पुलिस की डीएसपी हरमनप्रीत कौर की डिग्री का मामला अब रेलवे तक पहुंच गया है। पंजाब सरकार ने इस मामले में रेलवे से जानकारी मांगी है। सरकार ने मामले कर जांच तेज कर दी है। हरमनप्रीत पंजाब पुलिस की नौकरी ज्वाइन करने से पहले रेलवे में नौकरी करती थीं। हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट पर सवाल उठ गए हैं और इससे उनकी डीएसपी की नौकरी पर खतरा पैदा हो गया है।
पंजाब सरकार ने रेलवे से मांगी जानकारी, पहले रेलवे में नौकरी करती थी हरमनप्रीत कौर बता दें कि पंजाब पुलिस ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय क रिपोर्ट के आधार पर इसे नकली बताया है। पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरमनप्रीत कौर की डिग्री के मामले की जांच कर रही है। इस मामले में रेलवे से भी जानकारी मांगी गई है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में तेजी से जांच की जा रही है और जांच पूरी हो जाने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा।
पंजाब के खेल मंत्री ने कहा, पूरे मामले में जल्द आएगी रिपोर्ट सोढी मोहाली में पंजाब ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा भी मौजूद थे। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींढसा और उपाध्यक्ष सिकंदर सिंह मलूका की ओर से दोनों मंत्रियों को सम्मानित किया गया।
बता दें कि अर्जुन पुरस्कार विजेता हरमनप्रीत के बीए के सर्टिफिकेट पर पंजाब पुलिस ने जांच के बाद सवाल उठाए हैं। पुलिस ने इसे नकली बताया है। हरमनप्रीत ने इसी साल रेलवे की नौकरी छोड़ कर पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर ज्वाइन किया था। दूसरी आेर, उनके पिता ने कहा है कि हरमनप्रीत के अनुसार डिग्री बिल्कुल असली है।
हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस का टैग लगाते डीजीपी सुरेश अरोड़ा व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह।पंजाब पुलिस के डीजीपी (प्रबंधन) एमके तिवाड़ी ने सोमवार को हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट की जांच करवाने के बाद आई रिपोर्ट का हवाला देकर उसे नकली बताया था। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश के मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने इसके असली सर्टिफिकेट होने से इन्कार किया है। सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर उन्होंने इसकी रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी है। बताया जाता है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने हरमनप्रीत के मार्क्सशीट और उसका रिकार्ड नहीं होने की बात कही है।
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हरमनप्रीत ने इस साल 1 मार्च को पंजाब पुलिस में डीएसपी का पद हासिल किया था। उन्हें इस पद पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने ज्वाइन कराया था। हरमनप्रीत कौर ने यह पद पंजाब सरकार द्वारा आॅफर किए जाने के बाद रेलवे की नौकरी छोड़ दी थी। डिग्री को लेकर पंजाब पुलिस की ओर से चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग से गोपनीय जांच करवाई गई थी।हरमनप्रीत बोलीं- सरकार जांच कर रही है, मैं आशावादी हूं
इसके बाद मोहाली में मंगलवार को इस मामले पर हरमनप्रीत ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, मैं आशावादी हूं आैर सही हूं। इस मामले में मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहती। मैं अपना काम कर रही हूं।मामले के सामने आने पर सोमवार को हरमनप्रीत के पिता हरमंदर सिंह ने कहा कि हरमनप्रीत ने 12वीं तक की पढ़ाई तो उनकी देखरेख में मोगा से की है, लेकिन इसके बाद उसका चयन भारतीय महिला क्रिकेट में हो गया और उसके बाद उसने मेरठ से बीए की डिग्री हासिल की थी। हरमंदर सिंह ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने अपनी पुत्री से फोन पर बात की थी, लेकिन उसने ग्रेजुएशन की डिग्री जाली होने से इन्कार किया है।
हरमन के पिता का कहना है कि जब उनकी पुत्री इन सर्टिफिकेटके आधार पर रेलवे में नौकरी कर सकती है तो पंजाब पुलिस हरमन के सर्टिफिकेट कैसे जाली बता सकती है। हरमंदर सिंह ने कहा कि संभव है कि मेरठ यूनिवर्सिटी से जांच में कोई तकनीकी गलती हो गई हो। इस बारे में वह पता और जांच खुद मेरठ यूनिवर्सिटी में जाकर करेंगे।यह भी पढ़ें: पंजाब में नशा तस्करों को होगी फांसी की सजा, कैबिनेट में प्रस्ताव पास, केंद्र को भेजा
माता-पिता के साथ हरमनप्रीत कौर।विश्वकप में आस्ट्रेलिया खिलाफ 171 रन बनाकर छाई थी हरमन जुलाई 2017 में हुए महिला क्रिकेट के विश्वकप के सेमीफाइनल मैच के दौरान हरमनप्रीत कौर नाबाद 171 रन बनाकर चर्चा में आई थीं। वह पश्चिम रेलवे में चीफ आफिस सुपरिंटेंडेंट पद पर कार्यरत थीं। जुलाई 2017 के दौरान पंजाब की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत कौर को पंजाब पुलिस में डीएसपी पद का आॅफर किया।सितंबर 2017 में हरमनप्रीत कौर ने रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इस पर जनवरी में रेलवे ने हरमनप्रीत पर पांच साल का करार तोड़ने के आरोप में 27 लाख रुपये की पेनाल्टी भरने का आदेश दे दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद इस मामले को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात कर मामले को सुलझाया। 1 मार्च 2018 को हरमनप्रीत कौर ने पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी हासिल कर ली।यह भी पढ़ें: नाश्ता करवाने के बाद मां बेटे को नहलाने लगी, इस हालत में देख मचा हड़कंपइससे पहले कैबिनेट ने भी हरमनप्रीत कौर को डीएसपी का पद दिए जाने के मोहर लगा दी थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने खुद हरमनप्रीत कौर के कंधे पर डीएसपी का स्टार लगाने की रस्म पूरी की थी।
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