Punjab News: IPS हरप्रीत सिद्धू की पंजाब में वापसी, DGP पद पर नियुक्ति को लेकर अटकलें हुईं तेज
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हरप्रीत सिंह सिद्धू केंद्र सरकार द्वारा पंजाब कैडर में वापस भेजे गए हैं जिससे पुलिस विभाग में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। हरप्रीत सिद्धू डीजीपी गौरव यादव से वरिष्ठ हैं जिससे उनकी डीजीपी पद पर नियुक्ति की चर्चा है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को डीजीपी की स्थायी नियुक्ति के आदेश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हरप्रीत सिंह सिद्धू (1992 बैच) को केंद्र सरकार ने उनकी स्वयं की मांग पर समय से एक साल पहले पंजाब कैडर में वापस भेज दिया है। केंद्र सरकार के इस कदम से पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों और सिविल अधिकारियों में बड़े फेरबदल की चर्चा भी शुरू हो गई है। उनके डीजीपी पद पर नियुक्ति को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं।
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हरप्रीत सिद्धू वर्तमान डीजीपी गौरव यादव से ग्रेडेशन लिस्ट में वरिष्ठ हैं। गौरव यादव पिछले सवा तीन साल से कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यरत हैं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तीन बार डीजीपी की स्थायी नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं, जिसे राज्य सरकार ने नजरअंदाज किया है।
गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, सिद्धू, जो इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) में एडिश्नरल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) के पद पर तैनात थे, को तत्काल प्रभाव से पंजाब लौटने की मंजूरी मिल गई है। उनका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कार्यकाल अक्टूबर 2026 तक था, लेकिन उन्होंने समयपूर्व वापसी का अनुरोध किया, जिसे गृह मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया।
यह दूसरा मौका है जब वह अपने केंद्रीय डेपुटेशन को बीच में छोड़कर अपने पेरेंटल कैडर में लौट रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हरप्रीत सिद्धू को डीजीपी बनाने की संभावनाएं कम हैं, क्योंकि वह आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व या सरकार के कहने पर नहीं लौट रहे हैं, बल्कि अपनी मर्जी से वापस आ रहे हैं।
दरअसल, 22 सितंबर को जब आइटीबीपी में डायरेक्टर जनरल के पद पर 1993 बैच के आइपीएस अफसर प्रवीण कुमार को नियुक्त किया गया, तो सिद्धू इस बात से नाराज थे। चूंकि सिद्धू 1992 बैच के हैं और प्रवीण कुमार से सीनियर हैं, इसलिए उनका इस पद पर बने रहना उन्हें उचित नहीं लगा। सिद्धू का पंजाब पुलिस में लंबा और प्रभावशाली करियर रहा है।
उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कानून में स्नातकोत्तर, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से एमफिल और किंग्स कॉलेज लंदन से वार स्टडीज में डिग्री प्राप्त की है। 2017 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें ड्रग्स के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का प्रमुख बनाया था। सिद्धू को एसटीएफ को पूरी स्वायत्तता दी गई थी और वह सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते थे। लेकिन यह सिस्टम ठीक नहीं चला। तत्कालीन डीजीपी सुरेश अरोड़ा से उनकी नहीं बनी।
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