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Punjab News: स्कूल ऑफ एमिनेंस में दाखिला लेना सम्मान की बात, काउंसलिंग के बाद मिलती है सीट

पंजाब में खुले 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस में 11वीं कक्षा में 15104 सीटें हैं। छात्रों को न केवल 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई सीएलएटी और एनईईटी यूजी के लिए भी तैयार किया जा रहा है। स्कूल आफ एमिनेंस की शिक्षा के स्तर का पता इसी बात से चलता है कि यहां 25 फीसदी कोटा प्राइवेट स्कूलों से आए विद्यार्थियों से भरा जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Wed, 16 Oct 2024 07:59 PM (IST)
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पंजाब में खुले 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस में 11वीं कक्षा में 15,104 सीटें हैं।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। शिक्षा के स्तर को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए स्कूल ऑफ एमिनेंस में दाखिला लेना सम्मान की बात हो गई है। कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पंजाब सरकार द्वारा खोले गए 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस में दाखिला मांगने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

11वीं में दाखिले को लेकर कंप्टीशन 

वैसे तो कंप्टीशन 9वीं कक्षा से ही शुरू हो जाता है लेकिन स्कूल ऑफ एमिनेंस पर सबसे ज्यादा दबाव 11वीं कक्षा में दाखिला देने को लेकर है। क्योंकि यहीं से बच्चों की जेईई और नीट की तैयारी शुरू हो जाती है और स्कूल ऑफ एमिनेंस में इन दोनों कंप्टीशन के लिए तैयारी करवाई जाती है। पंजाब में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब कंप्टीशन की तैयारी के लिए विद्यार्थी सरकारी स्कूल में आ रहे हे हो। जबकि इससे पूर्व विद्यार्थियों का रुझान प्राइवेट इंस्टीच्यूट या प्राइवेस स्कूलों की तरफ ही रहता था।

पंजाब में खुले 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस में 11वीं कक्षा में 15,104 सीटें हैं। यहां के छात्रों को न केवल 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, सीएलएटी और एनईईटी यूजी के लिए भी तैयार किया जा रहा है। स्कूल ऑफ एमिनेंस की शिक्षा के स्तर का पता इसी बात से चलता हैं कि यहां पर 25 फीसदी कोटा प्राइवेट स्कूलों से आए विद्यार्थियों से भरा जा रहा है। स्कूल ऑफ एमिनेंस में पढ़ने वाले 158 विद्यार्थियों ने जेईई में क्वालिफाई किया है।

विद्यार्थियों में जज्बा पैदा करने की कवायद 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों में भी वह जज्बा पैदा किया जा रहा है, जिससे वह कंप्टीशन में पूरे विश्वास के साथ हिस्सा ले सके। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं जोकि आर्थिक कमी के अभाव में कंप्टीशन की तैयारी नहीं कर पाते। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में जाकर उन्हें इसके लिए भारी भुगतान करना पड़ता है।

जबकि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती है। इसलिए पंजाब सरकार ने स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरूआत की है। ताकि आम घरों से निकलकर बच्चे उन ऊंचाइयों तक पहुंच सके जिसके उन्होंने सपने देखे थे। उनकी सरकार विद्यार्थियों के ओवरऑल विकास के लिए सरकारी शिक्षा को मजबूत बना रही है। यह एक निरंतर प्रयास है।

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