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Jammu Terror Attack: बलिदानी कर्नल मनप्रीत सिंह कैसे आए आतंकियों के निशाने पर, जानिए पूरी कहानी

Jammu Terror Attack जम्मू कश्मीर में शहीद हुए पंचकूला के कर्नल मनप्रीत सिंह (सेना मेडल अलंकृत) का पंचकूला सेक्टर 26 में निवास स्थान है। घटना के बाद उनके निवास स्थान पर सन्नाटा पसरा है। पंचकूला स्थित उनके आवास पर उनकी धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल बहन और जीजा मौजूद हैं। धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल को अभी तक कर्नल के बलिदान के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 11:42 PM (IST)
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कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह और उनका परिवार।

Terrorist Attack In Jammu Kashmir Today: चंडीगढ़, विकास शर्मा। कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह का परिवार मुल्लापुर डीएलएफ इंक्लेव में रहता है। वह मूल रूप से साथ लगते गांव भारंजियां के रहने वाले थे। बलिदानी मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कौर अध्यापक हैं। परिवार में पत्नी के अतिरिक्त उनकी छह साल की बेटी व दो साल का बेटा है। बलिदानी मनप्रीत सिंह का सुसराल पंचकूला के सेक्टर 26 में रहता है। बलिदानी मनप्रीत सिंह की गिनती सेना में साहसी सैन्य अधिकारी के तौर पर होती थी, वर्ष 2021 में उन्हें गैलेंट्री सेना मेडल भी मिल चुका था। वह इससे पहले भी कई सैन्य ऑपरेशन में आतंकियों को मौत के घाट उतार चुके थे।

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अपनी लोकप्रियता के कारण ही आतंकियों के निशाने पर थे मनप्रीत

कर्नल सिंह बेहद ही संवेदनशील व्यक्ति और अच्छे अधिकारी थे। यही वजह है कि स्थानीय स्तर पर युवाओं और बुजुर्गों में भी काफी लोकप्रिय थे। कर्नल सिंह के कारण 1000 हजार से अधिक युवाओं को नई जिदंगी और नई सोच मिली थी। हाल ही में उन्होंने कश्मीरी युवाओं के लिए क्रिकेट का टूनामेंट भी कराया था। कश्मीरी युवाओं से नजदीकी और लोकप्रियता के कारण ही वह आतंकियों आकाओं के निशाने पर भी थे।

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 2 अफसर और 1 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए हैं। अफसरों में एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी शामिल हैं। अनंतनाग में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर उस वक्त गोली चला दी, जब वे सर्च आपरेशन चला रहे थे। इसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए।

आज मिलेगा शव

बलिदानी मनप्रीत सिंह ने सेना में अपनी 17 वर्ष की सेवा पूरी कर ली थी। उनके पिता भी सेना में थे , जिनका अभी देहांत हो चुका है। उनकी मां उनके बच्चों के साथ न्यू चंडीगढ़ में रह रही थीं। सेक्टर-26 पंचकुला में रहने वाले उनके रिश्तेदार ने कहा कि वह शव लेने के लिए परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गुरुवार सुबह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना होंगे। कर्नल मनप्रीत सिंह, जो 19 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) बटालियन की कमान संभाल रहे थे और बुधवार को अनंतनाग में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हो गए, चार महीने में आरआर के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे। इसके बाद, उन्हें किसी शांति स्टेशन पर तैनात किए जाने की संभावना थी।