Punjab: 'जैसे केजरीवाल ने मजीठिया से मांगी थी माफी, वैसे ही मान सुखबीर बादल से मांगेंगे', SAD की मुख्यमंत्री को चेतावनी
Punjab News शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री को कह दिया है कि जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम सिंह मजीठिया से मांगी थी उसी प्रकार भगवंत मान को भी सुखबीर बादल से माफी मांगनी ही पड़ेगी। अर्शदीप कलेर ने कहा कि अपने राजनीतिक विरोधियों का उपहास करने की कोशिश करने के बजाय मुख्यमंत्री को अपने कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल द्वारा माफी मांगने नहीं तो मानहानि के केस का लीगल नोटिस मिलने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे। वहीं, शिअद ने मुख्यमंत्री को कह दिया है कि जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम सिंह मजीठिया से मांगी थी, उसी प्रकार भगवंत मान को भी सुखबीर बादल से माफी मांगनी ही पड़ेगी।
मुख्यमंत्री बौखला गए हैं- अर्शदीप कलेर
पार्टी के प्रवक्ता अर्शदीप कलेर ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री बौखला गए हैं। यही कारण है कि वह झूठी शेखी बघारने के लिए घटिया भाषा और टिप्पणियों का सहारा ले रहे हैं, वह जितनी कोशिश कर लें, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि उनका हश्र भी केजरीवाल की तरह ही होगा। उन्होंने कहा, अपने राजनीतिक विरोधियों का उपहास करने की कोशिश करने के बजाय, मुख्यमंत्री को अपने कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
अकाली दल के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
अकाली दल के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से यह बताने को भी कहा कि उन्होंने अपने मंत्रियों व विधायकों जो भ्रष्टाचार के साथ साथ नैतिक मूल्यों के पतन में लिप्त पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है। हर किसी ने देखा है कि कैसे डॉ. विजय सिंगला और फौजा सिंह सरारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दबा दिए गए हैं, जबकि मंत्री लाल चंद कटारूचक और विधायक गोल्डी कंबोज द्वारा किए गए नैतिक अधमता के कृत्यों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक कैबिनेट मंत्री के वीडियो पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिस पर एक असहाय पीड़िता के शोषण का आरोप लगाया गया था, जबकि बिक्रम सिंह मजीठिया ने मंत्री के नाम का खुलासा करने और उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि यह सब दर्शाता है कि मुख्यमंत्री नापाक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण दे रहे हैं, जबकि वह कट्टर ईमानदार सरकार चलाने का दावा करते हैं।