चंडीगढ़ में आज फिल्म ‘83’ देखेंगे कपिल देव, पुराने साथियों के साथ यादें होंगी ताजा, UTCA ने की खास तैयारी
लीविंग लीजेंड कपिल देव ने सेक्टर - 8 स्थित डीएवी स्कूल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। वह शहर के पहले क्रिकेटर हैं जिन्होंने टीम इंडिया की जर्सी पहनी थी। क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाने का श्रेय भी कपिल देव को ही जाता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 1983 का क्रिकेट विश्व जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व क्रिकेटर कपिल देव आज चंडीगढ़ में पुरानी यादों को ताजा करेंगे। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन (यूटीसीए) की तरफ से फिल्म ‘83’ की विशेष स्क्रीनिंग रखी गई है, जिसमें कपिल देव अपने पुराने साथी खिलाड़ियों के साथ यह फिल्म देखेंगे और उन पलों को याद करेंगे, जो इतिहास बन चुके हैं।
यूटीसीए की तरफ से आइटी पार्क स्थित पीवीआर सिनेमा में इस स्क्रीनिंग के साथ-साथ कपिल देव का सम्मान समारोह भी आयोजित करेगा, जिसमें चंडीगढ़ से क्रिकेट जगत के पूर्व और मौजूदा खिलाड़ी और यूटीसीए सदस्य इस फिल्म का आनंद लेंगे।
देश के लिए खेलने वाले शहर के पहले क्रिकेटर हैं कपिल देव
लीविंग लीजेंड कपिल देव ने सेक्टर - 8 स्थित डीएवी स्कूल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। वह शहर के पहले क्रिकेटर हैं जिन्होंने टीम इंडिया की जर्सी पहनी थी। क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाने का श्रेय भी कपिल देव को ही जाता है। आज भी उनका परिवार शहर में ही रहता है। कपिल देव के दोस्त राकेश जौली बताते हैं कि कपिल देव ने अपने स्कूल और कालेज समय में ही कई दोस्तों को क्रिकेट से जोड़ा, जिसमें कई खिलाड़ी रणजी भी खेले। उन्हीं खिलाड़ियों में से एक मैं भी हूं। जब उन्होंने देश को पहला वर्ल्ड कप दिलाया तो उनकी प्ररेणा से युवाओं में क्रिकेट के प्रति जुनून बना।
क्रिकेट स्टेडियम का नाम कपिल देव पर रखने का प्रस्ताव
यूटी क्रिकेट ऐसोसिएशन (यूटीसीए) के अध्यक्ष संजय टंडन की अगुआई में कुछ दिन पहले ही यूटीसीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल व यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर कपिल देव के नाम पर रखने का आग्रह किया था। चंडीगढ़ में ही जन्में पूर्व क्रिकेटर कपिल देव के भारतीय टीम के लिए किए गए उनके प्रदर्शन और योगदान को देखते हुए यह निर्णय लिया था। कपिल देव 1983 में विश्व कप जीतने वाले महज 24 साल के सबसे युवा क्रिकेट कप्तान बने। इसी के साथ 1991 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण के साथ आइसीसी ने हाल आफ फेम से नवाजा था।
कपिल देव इसीलिए बने महान
क्रिकेट स्टेडियम सेक्टर-16 के पूर्व कोच हरीश शर्मा कहते हैं कि आजकल के युवा क्रिकेटर्स को कपिल देव जैसे दिग्गजों से सीख लेनी चाहिए। कपिल देव ने उपलब्धियों के आसमान पर पहुंचकर भी अपने गुरु को नहीं भुलाया। कपिल देव आज भी अपने पहले कोच डीपी आजाद को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हैं। मैंने अपने जीवन में कई खिलाड़ी ऐसे देखे हैं जिन्हें बैट पकड़ना हमने सिखाया और जब वह नेशनल कैंप या रणजी खेलने लगे तो उनके कोच बदल गए और पुराने कोचों को भूल जाते हैं। बावजूद कपिल देव इतने महान खिलाड़ी होकर भी अपने कोच को आज तक नहीं भूले