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Karwa Chauth in Punjab: पंजाब में कैसे मनाया जाता है करवाचौथ? जानें यहां की अनोखी परंपराएं

करवाचौथ का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पंजाब में करवाचौथ की रस्में और परंपराएं थोड़ी अलग हैं। यहां महिलाएं सुबह सरगी खाती हैं और शाम को कथा सुनती हैं।

By Nitish Kumar Kushwaha Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 15 Oct 2024 03:57 PM (IST)
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पंजाब में कैसे मनाया जाता है करवाचौथ?

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। करवाचौथ हिन्दू धर्म के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह भारत के लगभग हर प्रदेशों में मनाया जाता है। करवाचौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं।

यह व्रत एक तरह की तपस्या है। पंजाब में भी करवाचौथ मनाया जाता है। हालांकि, यहां कि सुहागिन महिलाएं अलग रीति रिवाजों से पूजा-पाठ करती हैं। आइए जानते हैं कि पंजाब में कैसे करवाचौथ मनाया जाता है और क्या है यहां की रीति रिवाज।

पंजाब में कैसे मनाया जाता है करवाचौथ?

हमारे देश में भिन्न-भिन्न तरह के लोग रहते हैं और हर कोई अपने रीति रिवाज के अनुसार त्योहार मनाता है। एक तरफ जहां करवाचौथ के दिन देश में सुहागिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं, तो वहीं पंजाब में दूसरे तरीके से करवाचौथ का त्योहार मनाया जाता है। पंजाब में करवाचौथ के दिन महिलाएं सुबह सरगी खाती हैं।

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इसके बाद शाम को कथा होती है। करवाचौथ की कथा में सुहागिन महिलाएं एक घेरे में बैठती हैं और कोई बुजुर्ग महिला या पंडिताइन करवाचौथ की व्रत कथा सुनाती है। इस दौरान महिलाएं थाली फिराती हैं। कथा के बाद सास की आज्ञा से महिलाएं पानी या चाय पी सकती हैं। इसके बाद सास को पोइया दिया जाता है। फिर शाम को छलनी से चांद और उसके बाद पति का चेहरा देखती हैं और तब जाकर करवाचौथ का व्रत पूर्ण होता है।

बता दें कि पंजाब में मनाए जाने वाले करवाचौथ को पूरे देश में पसंद किया हैं। फिल्मों में अक्सर पंजाब में मनाए जाने वाले करवाचौथ के बारे में दिखाया जाता है।

करवाचौथ व्रत का महत्व

हिंदू धर्म की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। हिंदू शास्त्रों की माने तो माता पार्वती जी ने भगवान शिव जी को पाने के लिए सबसे पहले करवाचौथ का व्रत रखा था।

इस व्रत के बाद ही उनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। इसलिए हिंदू महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं। एक और मान्यता है कि करवाचौथ के दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। इसलिए इस दिन सुहागिन महिलाएं चंद्रमा से अपने पति की लंबी उम्र की कामना और उनकी सुख समृद्धि के लिए चंद्रमा की पूजा करती हैं।

करवाचौथ 2024 कब है?

इस बार करवाचौथ 2024 का त्योहार रविवार 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 से शुरू हो रहा है, जो सोमवार 21 अक्टूबर सुबह 4:16 तक मनाया जाएगा।

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