Move to Jagran APP

किडनी कांड: मोहाली के सभी अंग प्रत्यारोपण केंद्रों की होगी जांच, SIT का दावा- दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार

Kidney scandal एएसपी दर्पण आहलूवालिया ने बताया कि इंडस अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के ज्यादातर मरीज हरियाणा से आते रहे हैं। जांच में गैंग से जुड़ी बड़ी मछलियां (आरोपित) फंस सकती हैं। अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 04 Apr 2023 11:19 PM (IST)
Hero Image
किडनी कांड: मोहाली के सभी अंग प्रत्यारोपण केंद्रों की होगी जांच, SIT का दावा- दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार

मोहाली, संवाद सहयोगी। इंडस इंटरनेशनल अस्पताल में 10 लाख रुपये का लालच देकर युवक की किडनी निकालने के मामले का पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा.बलबीर सिंह ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने इस संबंध में मोहाली की डीसी आशिका जैन को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। हालांकि, इस प्रकरण में पहले ही एसआइटी गठित कर जांच की जा रही है। इस बीच मोहाली जिला प्रशासन ने जिले के अन्य सभी अंग प्रत्यारोपण केंद्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है। उधर, मोहाली पुलिस का दावा है कि किडनी रैकेट के कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। इंडस इंटरनेशनल अस्पताल में इसी प्रकार के एक और संदिग्ध मामले का भी पता चला है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है।

एएसपी दर्पण आहलूवालिया ने बताया कि इंडस अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के ज्यादातर मरीज हरियाणा से आते रहे हैं। जांच में गैंग से जुड़ी बड़ी मछलियां (आरोपित) फंस सकती हैं। अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। एसआइटी इंडस अस्पताल में पिछले तीन साल में किडनी ट्रांसप्लांट के सभी 34 मामलों की जांच कर रही है। अस्पताल को वर्ष 2021 में किडनी ट्रांसप्लांट का लाइसेंस प्राप्त हुआ था। वर्ष 2021 में अस्पताल में 11 मरीजों के ट्रांसप्लांट किए गए। वर्ष 2022 में 17 और 2023 में अब तक छह किडनी ट्रांसप्लांट हुई हैं। एक और संदिग्ध मामले की जांच शुरू इंडस अस्पताल से जुड़े किडनी प्रत्यारोपण के एक अन्य संदिग्ध मामले का ताल्लुक हरियाणा से है।

बताया जाता है कि कृष्ण नामक व्यक्ति के पुत्र ने किडनी डोनेट करने की पेशकश की थी। लेकिन मेडिकल ग्राउंड पर अनफिट होने के कारण उनकी किडनी नहीं ली जा सकी। इसके बाद कृष्ण के भाई ने किडनी डोनेट करने की पेशकश की, लेकिन उसको भी खारिज कर दिया गया। अब इसकी भी जांच की जा रही है।

कोआर्डिनेटर अभिषेक की भूमिका पर शक, आगरा निवासी हैं गिरफ्तार दोनों आरोपित

पुलिस मान रही है कि मामले में गिरफ्तार इंडस अस्पताल के रिनल ट्रांसप्लांटेशन कोआर्डिनेटर अभिषेक की भूमिका संदिग्ध है। उससे पूछताछ में मिले सुराग के सहारे ही पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। एसआइटी को अभिषेक से अहम सुराग मिले हैं। इसके अन्य राज्यों में फैले अंग तस्करी के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। अभिषेक गांव बिजौली, जिला आगरा (उत्तर प्रदेश)का रहने वाला है। गिरफ्तार दूसरा आरोपित राजनारायण भी आगरा का ही रहने वाला है। अभिषेक इससे पहले पंचकूला के अलकेमिस्ट अस्पताल में कार्यरत था। पुलिस के मुताबिक वहां भी उसकी भूमिका संदिग्ध थी।

पंजब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि मामले की जांच डीसी की निगरानी में हो रही है। किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में अंग प्रत्यारोपण एक्ट लागू होता है। इसके तहत मरीज को उसके परिवार का ही सदस्य किडनी डोनेट कर सकता है। इस केस में भी बेटा बताकर किडनी दी गई है। वह किन हलात में हुई, इसकी जांच चल रही हैं।

यह है मामला

इंडस अस्पताल में बीते छह मार्च को सिरसा (हरियाणा) निवासी 28 वर्षीय कपिल की किडनी निकाल ली गई थी। प्रत्यारोपण के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए गए थे। कागजात में उसे सोनीपत (हरियाणा) निवासी मरीज 53 वर्षीय सतीश तायल का बेटा बताया गया। किडनी को मरीज के शरीर में प्रत्यारोपण किया जा चुका है। किडनी डोनर कपिल मोबाइल फोन पर आनलाइन गेम खेलता था। किडनी बेचने पर मिली रकम (4.50 लाख) उसने गेम खेलने में गंवा दी। इसके बाद वह मरीज के स्वजन से और रकम की मांग करने लगा। इस पर स्वजन की ओर से उसे धमकी दिए जाने पर कपिल ने पुलिस से शिकायत की। इस केस में इंडस अस्पताल का किडनी प्रत्यारोपण लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।