Farmers Demand: कितना अलग है इस बार का किसान आंदोलन, केंद्र सरकार से क्या हैं मांगें; जानें यहां सबकुछ
पंजाब व हरियाणा के किसानों (Farmers Protest) ने दिल्ली की तरफ हल्ला बोल दिया है। शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर घमासान मचा हुआ है। पुलिस पर पथराव के बाद इलाके में आंसू गैस के गोले छोड़े गए और फिर कई आंदोलनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है। किसान अपनी मांगों पर डटे हुए है। आइए पढ़ते हैं आंदोलन 2.0 में किसानों की क्या प्रमुख मांगें (Farmers Demand) हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Farmers Demands अपनी मांगों को लेकर किसान दोबारा सड़कों पर हैं। शंभू बॉर्डर में किसानों ने घमासान (Farmers Protest) मचाया हुआ है। पुलिस बेरिकेडिंग्स को तहस-नहस कर दिया है। इसके चलते पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया है। परिस्थिति देखकर ऐसा लग नहीं रहा कि किसान वापस जाएंगे। इस बार किसान अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।
आइए जानते हैं किसानों की इस बार क्या प्रमुख मांगें हैं...
केंद्र सरकार से किसानों की मांगें
1. किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
2. किसानों ने दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है।
3. साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग शामिल है।
4. इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है।
5. किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
6. दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
7. 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
8. कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
9. किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
10. केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले नहीं हो रहा किसान आंदोलन
इस आंदोलन को भी साल 2021 के आंदोलन से ही जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इस बार के आंदोलन को सभी किसान संगठनों का समर्थन हासिल नहीं है।
इस बार का किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के बैनर तले नहीं हो रहा बल्कि इसे पंजाब-हरियाणा और कई राज्य के अलग-अलग किसान संगठन मिलकर आयोजित कर रहे हैं। MSP पर कानून बनाने सहित किसान कई मांगों (What is Farmers Demands) को लेकर सड़कों पर उतरे हैं।
सीमावर्ती इलाकों में किलेबंदी
सीमावर्ती इलाकों में किलेबंदी की है। बैरिकेड्स, कीलें, मिट्टी, कंक्रीट की लेयर, पत्थर की दीवार, कटीले तार लगाए गए हैं।
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