चंडीगढ़ आने वाले पर्यटक एक बार जरूर घूमे इंटरनेशनल डाॅल म्यूजियम, बच्चों के लिए यहां बहुत कुछ खास
इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1985 में चंडीगढ़ प्रशासन ने रोटरी क्लब चंडीगढ़ के सहयोग से की थी। जानकारों की मानें तो म्यूजियम की शुरुआत एक गुड़िया से हुई थी जिसे जर्मनी से चंडीगढ़ लाया गया था।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 02:45 PM (IST)
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में ऐसी कई खूबसूरत जगह है जहां लोग घूमना पसंद करते हैं। चंडीगढ़ के पर्यटन स्थल सुखना लेक, रॉक गार्डन, बर्ड पार्क, रोज गार्डन समेत कई टूरिस्ट प्लेस हैं। लेकिन चंडीगढ़ में एक ऐसा म्यूजियम भी है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
सेक्टर-23 स्थित डॉल म्यूजिम में देश के विभिन्न राज्यों और विदेश की भी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। सेक्टर-23 के बाल भवन में बने इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम में भारत के साथ विदेश संस्कृति और स्थानीय पहरावा से सजी 250 से ज्यादा डॉल यहां आने वाले लोगों का स्वागत करती हैं।
म्यूजिम में खासियत यह है कि इसमें विदेश के लोगों के पहरावे के साथ रंग-रूप और खाने-पीने को भी दर्शाया गया है। म्यूजियम में सुबह 11 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक बच्चों के साथ किसी भी समय पर्यटक आ सकते हैं। म्यूजिम के अंदर डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, रशिया, कोरिया सहित विभिन्न देशों की डॉल्स को डिसप्ले किया गया है।
इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1985 में चंडीगढ़ प्रशासन ने रोटरी क्लब चंडीगढ़ के सहयोग से की थी। जानकारों की मानें तो म्यूजियम की शुरुआत एक गुड़िया से हुई थी जिसे जर्मनी से चंडीगढ़ लाया गया था। एक गुड़िया को दिखाने के लिए म्यूजिम बनाने की प्लानिंग रोटरी क्लब चंडीगढ़ ने की और प्रशासन ने सहयोग से की गई। इसके बाद यहां दूसरे देशों की 250 से ज्यादा डॉल्स को म्यूजिम में स्थापित किया गया है। म्यूजियम को स्थापित करने का उद्देश्य मनोरंजन का एक साधन शहरवासियों को मुहैया कराना था। इसी सोच के साथ विशाल म्यूजियम बनाया गया।
गर्मियों की छुट्टियों में उठाया जा सकता है लुत्फ
डाॅल म्यूजियम का लुत्फ शहर में आने वाले पर्यटक ले सकते हैं। इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम के अलावा शहर में प्लाजा सेक्टर-17, राक गार्डन, सुखना लेक, कैपिटल कांप्लैक्स और विभिन्न पार्क हैं जो कि शहर की संस्कृति, विरासत और इतिहास से जोड़ती है। मानव सभ्यता से पहले की संस्कृति को दिखाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने गवर्नमेंट आर्ट गैलरी एंड म्यूजियम सेक्टर-10 में बनाया है जहां पर 500 से लेकर 1000 वर्ष पुराने अवशेषों को सहेजा गया है।
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