Lok Sabha Election 2024 पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने सात चेहरों पर दांव खेला है। इन नेताओं में कोई पहली बार तो कोई तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहा है। अकाली दल बादल ने आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर एक बार फिर प्रो.प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर विश्वास जताया है। प्रो.चंदूमाजरा लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2024: शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने बैसाखी के पावन अवसर पर पंजाब में सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने धुरंदरों पर दांव खेला है। इन नेताओं में कोई पहली बार तो कोई तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहा है।
पार्टी ने गुरदासपुर से डॉ. दलजीत सिंह चीमा, श्री आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पटियाला से श्री एनके शर्मा, अमृतसर से अनिल जोशी, फतेहगढ़ से एस बिक्रमजीत सिंह खालसा, फरीदकोट से एस राजविंदर सिंह और संगरूर से एस इकबाल सिंह झूंदा को चुनावी मैदान में उतारा है।
बिक्रमजीत सिंह ने 2007 में कांग्रेस उम्मीदवार को दी थी मात
खन्ना से पूर्व विधायक व मुख्य संसदीय सचिव रहे बिक्रमजीत सिंह खालसा को शिअद ने फतेहगढ़ साहिब स्व उम्मीदवार बनाया। खालसा अकाली दल के पूर्व नेता और जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा के नजदीकी रहे स्व. बसन्त सिंह खालसा के बेटे हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव में खालसा ने खन्ना से पंजाब कांग्रेस के तत्कालीन प्रधान शमशेर सिंह दूलो को हराया था।
चंदूमाजरा पर पार्टी ने जताया विश्वास
अकाली दल बादल ने आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर एक बार फिर प्रो.प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर विश्वास जताया है। प्रो.चंदूमाजरा लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। प्रो.चंदूमाजरा यहां से पहला चुनाव साल 2014 में जीते थे और कांग्रेस की दिग्गज नेत्री अंबिका सोनी को शिकस्त दी थी। तब प्रो.चंदूमाजरा ने अंबिका सोनी को 23697 मतों से शिकस्त दी थी। दूसरी बार साल 2019 में उन्हें इसी सीट से कांग्रेस के दिग्गज मनीष तिवारी ने कड़ी टक्कर देते हुए परास्त कर दिया था। तब प्रो.चंदूमाजरा 46884 मतों से हारे थे।
चीमा को गुरदासपुर से टिकट देकर सीट पर चल रहा विवाद समाप्त
इसी सीट से दावेदारी जता रहे अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा को पार्टी ने गुरदासपुर लोकसभा सीट से टिकट देकर आनंदपुर साहिब सीट पर दोनों में चल रहा सियासी विवाद समाप्त कर दिया है। इसका प्रो.चंदूमाजरा को फायदा होगा।
पहली बार संसदीय चुनावों में उतरेंगे पूर्व विधायक झूंदा
2002 में अकाली दल (अ) के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले इकबाल सिंह झूंदा को अकाली दल ने अपना उम्मीदवार बनाया है। चर्चा थी कि अकाली दल (संयुक्त) का अकाली दल में विलय करने वाले परमिंदर सिंह ढींडसा को पार्टी चुनावी अखाड़े में उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें: SAD ने पंजाब की सात सीटों पर किया उम्मीदवारों का एलान, पटियाला से परनीत कौर को टक्कर देंगे एनके शर्मा; देखें पूरी लिस्ट अकाली दल ने दो बार विधायक रह चुके झूंदा को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। झूंदा ने पहली बार चुनाव 2002 में अकाली दल (अ) की पार्टी की तरफ धूरी से लड़ा था, तब झूंदा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में 2007 के चुनावों में झूंदा ने धूरी से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूदे और विजयी हुए।
झूंदा को 2017 से मिली थी पहचान
2012 के चुनाव में झूंदा ने अमरगढ़ से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। 2017 के चुनावों में अमरगढ़ से झूंदा को कांग्रेस के सुरजीत सिंह धीमान से शिकस्त मिली, तो 2022 में झूंदा को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने शिकस्त दी। संगरूर में ढींडसा परिवार के खिलाफ हमेशा ही झूंदा मुखर रहे हैं और ढींडसा परिवार के पार्टी से अलग होने के बाद झूंदा ने ढींडसा परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब अकाली दल की तरफ से झूंदा चुनावी मैदान में कूद चुके हैं।
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