Lok Sabha Election 2024: SAD-BJP गठबंधन पर टिकी सबकी नजरें, 5-6 के आंकड़े के बीच अभी भी फंसा पेंच
Lok Sabha Election 2024 पंजाब में शिअद और भाजपा का गठबंधन लगभग तय है। 5-6 के आंकड़े के बीच अभी भी पेंच फंसा हुआ है। शिरोमणि अकाल दल और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावनाएं इन दिनों पंजाब में चर्चा का केंद्र है। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों के गठबंधन की रूपरेखा लगभग तय है पेंच केवल एक या दो सीट को लेकर फंसा हुआ है।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Lok Sabha Election: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल की पहली बरसी पर सबकी नजरें इस बात पर टिकी हुई थी कि क्या भाजपा की ओर से कोई केंद्रीय स्तर का नेता इस मौके पर मौजूद रहेगा। क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के श्रद्धांजलि स्थल पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि पंजाब भाजपा का प्रतिनिधित्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने किया।
शिरोमणि अकाल दल और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावनाएं इन दिनों पंजाब में चर्चा का केंद्र है। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों के गठबंधन की रूपरेखा लगभग तय है पेंच केवल एक या दो सीट को लेकर फंसा हुआ है।
भाजपा लोकसभा की छह सीटों पर लड़ना चाहती है चुनाव
जानकारी के अनुसार भाजपा लोकसभा की 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जबकि शिअद 4 देने को तैयार है। ऐसे में बात केवल 1 या 2 सीटों को लेकर अटकी हुई है। याद करवा दें कि शिअद के साथ गठबंधन में रहते हुए भाजपा पंजाब की 13 लोक सभा सीटों में से 3 सीटों अमृतसर, गुरदासपुर और होशियारपुर की सीट पर चुनाव लड़ती थी। जबकि इस बार भाजपा शिअद से लुधियाना, पटियाला, फिरोजपुर और श्री आनंदपुर साहिब सीट भी मांग रही है।शिअद पटियाला सीट छोड़ने को तैयार
शिअद पटियाला सीट छोड़ने को तैयार है। क्योंकि यहां से कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व कांग्रेस की निलंबित सांसद परनीत कौर का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। परनीत कौर जल्द ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगी। वहीं, शिअद को अगर लुधियाना की सीट छोड़नी पड़ेगी तो वह उसके बदले में अमृतसर सीट चाहती है। हालांकि अभी तस्वीर स्पष्ट नहीं है कि शिअद लुधियाना सीट छोड़ेगी या नहीं।
लुधियाना सीट पर बढ़ा हिंदू मतदाताओं का प्रभाव
भाजपा लुधियाना सीट पर इसलिए भी दावा ठोक रही हैं क्योंकि समय के साथ इस सीट की डेमोग्राफी बदली है। लुधियाना सीट पर हिंदू मतदाताओं को प्रभाव बढ़ा है। वहीं, यह सीट कारोबारियों से जुड़ी है। इसी प्रकार से भाजपा श्री आनंदपुर साहिब सीट पर भी दावा ठोक रही है। क्योंकि इस सीट पर भी हिंदू मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। मोहाली, खरड़, कुराली जैसे क्षेत्र अब हिंदू बाहुल है।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election को लेकर पंजाब में अलर्ट, आचार संहिता लागू होने से पहले पहुंचनी शुरू हुई केंद्रीय सुरक्षा बल
कमोवेश पाकिस्तान सीमा से लगे फिरोजपुर सीट की भी यही स्थिति है। भाजपा फिरोजपुर सीट पर भी दावा ठोक रही है। हालांकि इस सीट से खुद सुखबीर बादल सांसद है। माना जा रहा है कि सुखबीर बादल अब लोक सभा चुनाव न लड़े वह प्रधान होने के नाते पार्टी का कामकाज देखना चाहते है। जानकारी के अनुसार दोनों पार्टियों में गठबंधन को लेकर हाथी निकल गया पूंछ अभी फंसी हुई है वाली स्थिति रह गई है। दोनों पार्टियों का गठबंधन 5-6 के आंकड़े के बीच में अभी फंसा हुआ है।
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